‘ऐ मेरे वतन के लोगो’ गीत को मिला गणतंत्र दिवस परेड के समापन में स्थान: हटाई गई पुरानी धुन
हर साल बीटिंग रिट्रीट समारोह 29 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के रूप में आयोजित किया जाता है। इस साल बीटिंग रिट्रीट समारोह में एक अहम बदलाव किया गया है, दरअसल समारोह में बजने वाले प्रसिद्ध ‘अबाइड विद मी’ धुन को कार्यक्रम से हटा दिया गया है। अब इसकी जगह दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर के ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ देशभक्ति गीत को समारोह में शामिल किया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा ने इस अहम कदम के बारे में जानकारी साझा की है। कहा जाता है कि ‘अबाइड विद मी’ कथित तौर पर महात्मा गांधी का पसंदीदा धुन था। इसे ईसाई स्तुति से लिया गया था।
‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत 1962 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के लिए प्रसिद्ध गीतकार कवि प्रदीप ने लिखा था। लेजेंडरी लता मंगेशकर ने इस गीत में अपनी भावपूर्ण आवाज दी है, तब से ये गीत हर भारतीयों का पसंदीदा बना हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने कई अन्य गीतों और रचनाओं को पढ़ने के बाद समारोह में शामिल करने के लिए इस गीत को चुना है।
क्या है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी?
रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी सदियों से चली आ रही पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे, बिगुल की धुन बजने के साथ ही सैनिक लड़ना बंद करके अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे। गणतंत्र दिवस उत्सव आधिकारिक तौर पर बीटिंग रिट्रीटिंग समारोह के साथ समाप्त होता है।
यह समारोह रक्षा मंत्रालय में सेक्शन डी द्वारा आयोजित किया जाता है। बीटिंग रिट्रीटिंग सेरेमनी का मंच नई दिल्ली की रायसीना हिल्स है जिसमें राष्ट्रपति भवन जैसे भारत सरकार के महत्वपूर्ण भवन शामिल हैं। बीटिंग रिट्रीटिंग समारोह भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय सेना के सामूहिक बैंड द्वारा किया जाता है। 2016 से, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के बैंड ने भी बीटिंग रिट्रीटिंग समारोह में प्रदर्शन किया था।
कैसा होगा बीटिंग रिट्रीट समारोह 2022
जानकारी के अनुसार इस साल के बीटिंग रिट्रीट समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत के साथ होगा। आधिकारिक रिपोर्टों में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है जो इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में बजाए जाएंगे। इनमें ‘हे कांचा’, ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नृत्य सरिता’, ‘विजय जोश’, ‘केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचिन’, ‘हाथरोई’, ‘विजय घोष’, ‘लड़ाकू’, ‘स्वदेशी’, ‘अमर चट्टान’, ‘गोल्डन एरोज’ और ‘स्वर्ण जयंती’ शामिल हैं।
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