किरायेदारों के हक में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

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अजय अनेजा

आई.पी.सी. के तहत नही कर सकते केस

दिल्ली। अगर आप किराए के मकान में रहते है या आपने अपना मकान किराए पर दिया है, तो यह खबर आपके बेहद काम की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किरायेदार किसी मजबूरी के चलते किराया नही चुका पाता है, तो इसे अपराध नही माना जा सकता। इसके लिए आई.पी.सी. में कोई सजा मुकर्रर नही है। लिहाजा, उसके खिलाफ आई.पी.सी. के तहत केस भी दर्ज नही किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एक मकान मालिक की तरफ से किरायेदार के खिलाफ किये गए केस की सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने कहा किरायेदार को अपराधी मानकर उसके खिलाफ मामला नही चलाया जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने केस खारिज कर दिया। यह मामला नीतू सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य की याचिका से जुड़ा है। कानूनी कार्यवाई के विकल्पबैंच ने कहा हमारा मानना है कि यह कोई अपराध नही है, भले ही शिकायत में दिए फैक्ट्स सही है। किराया न चुका पाने पर कानूनी कार्यवाई हो सकती है लेकिन आई.पी.सी. के तहत केस दर्ज नही होगा। इस केस को धारा 415 (धोखाधड़ी) और धारा 403 ( संपति का बेईमानी से दुरुपयोग) साबित करने वाली जरूरी बातें गायब है। इसके पहले यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास था, लेकिन कोर्ट ने अपीलकर्ता के खिलाफ एफ.आर.आई. रद्द करने से इनकार कर दिया था।

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