स्मार्टफोन के उपयोग से एकाग्रता खो रहे हैं बच्चे: आईटी राज्यमंत्री। बरतें सावधानी
अध्ययन के अनुसार, 23.80 प्रतिशत बच्चे सोने से पहले स्मार्ट फोन का उपयोग करते हैं, जो उम्र के साथ बढ़ता ही जाता है.
Smart Phone Addiction: करीब 23.8 प्रतिशत बच्चे सोने से पहले बिस्तर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और 37.15 प्रतिशत बच्चों ने स्मार्टफोन के इस्तेमाल के कारण एकाग्रता के स्तर में कमी का अनुभव किया है. राज्यसभा को यह जानकारी बुधवार को दी गई है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि मंत्रालय के पास बच्चों में इंटरनेट की लत के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों की इंटरनेट पहुंच के साथ मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों का उपयोग करने की वजह से (शारीरिक, व्यवहारिक और मनो-सामाजिक) ‘प्रभावों’ पर किए गए एक अध्ययन के आंकड़ों का हवाला दिया.
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, अध्ययन के अनुसार, 23.80 प्रतिशत बच्चे सोने से पहले स्मार्ट फोन का उपयोग करते हैं, जो उम्र के साथ बढ़ता ही जाता है और 37.15 प्रतिशत बच्चे, हमेशा या अक्सर, स्मार्ट फोन के उपयोग के कारण एकाग्रता के स्तर में कमी का अनुभव करते हैं.
वह एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि महामारी के दौरान बच्चों के बीच सेल फोन के उपयोग में वृद्धि हुई है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें इंटरनेट की लत का विवरण क्या है.
इसका जिम्मेदार कौन
एक्सपर्ट का मानना है कि इसके लिये स्वयं बच्चों के माता पिता जिम्मेदार हैं। जो कि अपने बच्चों की सही से देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। अपने आप को दूसरे कामों में व्यस्त रखने के लिए वे बच्चों को स्मार्टफोन दे देते हैं, वही फिर बाद में बच्चों की लत बन जाती है।
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