विकास भवन भीमताल में किसान उत्पादक संगठनों की 14वीं जिला मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित
भीमताल
विकास भवन भीमताल में किसान उत्पादक संगठनों की 14वीं जिला मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित
भीमताल **विकास भवन भीमताल में किसान उत्पादक संगठनों की 14वीं जिला मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित** केंद्र सरकार की कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत गठित किसान उत्पादक संगठनों की 14वीं जिला मॉनिटरिंग समिति की बैठक विकास भवन, भीमताल में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पांडे ने की। इस बैठक का उद्देश्य नैनीताल जिले के विभिन्न ब्लॉकों में स्थापित किसान उत्पादक संगठनों की प्रगति की समीक्षा करना और नाबार्ड द्वारा दिए गए अनुदान के तहत किस उत्पाद संगठनों को सहायता प्रदान करने वाली क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के कार्यों का मूल्यांकन करना था। बैठक के दौरान पांच ने अपने कार्यों, प्रगति और सामने आने वाली चुनौतियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। मुख्य विकास अधिकारी ने किसान उत्पादक संगठनों के मार्केटिंग उपायों, सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय, क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों द्वारा फील्ड स्टाफ की तैनाती, बैंकिंग सुविधाओं, खुदरा आउटलेट की स्थापना, फील्ड विजिट और किसान उत्पादक संगठनों को आवश्यक लाइसेंस की स्थिति जैसी महत्वपूर्ण बातों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी, मुख्य कृषि अधिकारी, कृषि विपणन विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, और मुख्य जिला प्रबंधक जैसे प्रमुख विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने किसान उत्पादक संगठनों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की और किसान उत्पादक संगठनों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं के समाधान पर चर्चा की। बैठक का संचालन नैनीताल के जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड मुकेश बेलवाल द्वारा किया गया, जिन्होंने जिले में नाबार्ड की सहायता से चल रही किसान उत्पादक संगठनों परियोजनाओं की स्थिति पर जानकारी दी। क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए, मुख्य विकास अधिकारी ने उनके द्वारा दिए गए जवाबों पर असंतोष व्यक्त किया, विशेष रूप से फील्ड में उनकी उपस्थिति और किसान उत्पादक संगठनों को प्रदान किए जा रहे मार्गदर्शन को लेकर। उन्होंने क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और उन्हें दी गई पूरी अनुदान राशि को वापस लिया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी ने प्रत्येक क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों को जिले के संबंधित रेखीय विभाग के साथ जोड़ने का निर्देश दिया, ताकि उनकी प्रगति की नियमित समीक्षा की जा सके। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि वे क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट उनके कार्यालय को भेजें। मुख्य विकास अधिकारी ने किसान उत्पादक संगठनों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बेहतर मार्केटिंग रणनीतियों, उत्पादों के विविधीकरण, और उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने पर सुझाव दिए। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों को जिला प्रशासन और अन्य विभागों से सक्रिय रूप से मदद लेने के लिए प्रेरित किया। अपने समापन संबोधन में मुख्य विकास अधिकारी ने ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसे विभागों को किसान उत्पादक संगठनों के साथ मिलकर वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने किसान उत्पादक संगठन प्रतिनिधियों को अपने मुद्दों को हल करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक के अंत में, सभी हितधारकों से आह्वान किया गया कि वे नैनीताल जिले में किसान उत्पादक संगठन प्रणाली को मजबूत करने के लिए मिलकर प्रयास करें, ताकि किसानों की आजीविका को बेहतर बनाया जा सके और ग्रामीण आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।केंद्र सरकार की कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत गठित किसान उत्पादक संगठनों की 14वीं जिला मॉनिटरिंग समिति की बैठक विकास भवन, भीमताल में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पांडे ने की। इस बैठक का उद्देश्य नैनीताल जिले के विभिन्न ब्लॉकों में स्थापित किसान उत्पादक संगठनों की प्रगति की समीक्षा करना और नाबार्ड द्वारा दिए गए अनुदान के तहत किस उत्पाद संगठनों को सहायता प्रदान करने वाली क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के कार्यों का मूल्यांकन करना था।
बैठक के दौरान पांच ने अपने कार्यों, प्रगति और सामने आने वाली चुनौतियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। मुख्य विकास अधिकारी ने किसान उत्पादक संगठनों के मार्केटिंग उपायों, सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय, क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों द्वारा फील्ड स्टाफ की तैनाती, बैंकिंग सुविधाओं, खुदरा आउटलेट की स्थापना, फील्ड विजिट और किसान उत्पादक संगठनों को आवश्यक लाइसेंस की स्थिति जैसी महत्वपूर्ण बातों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मुख्य उद्यान अधिकारी, मुख्य कृषि अधिकारी, कृषि विपणन विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, और मुख्य जिला प्रबंधक जैसे प्रमुख विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। इन अधिकारियों ने किसान उत्पादक संगठनों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की और किसान उत्पादक संगठनों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं के समाधान पर चर्चा की। बैठक का संचालन नैनीताल के जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड मुकेश बेलवाल द्वारा किया गया, जिन्होंने जिले में नाबार्ड की सहायता से चल रही किसान उत्पादक संगठनों परियोजनाओं की स्थिति पर जानकारी दी। क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए, मुख्य विकास अधिकारी ने उनके द्वारा दिए गए जवाबों पर असंतोष व्यक्त किया, विशेष रूप से फील्ड में उनकी उपस्थिति और किसान उत्पादक संगठनों को प्रदान किए जा रहे मार्गदर्शन को लेकर। उन्होंने क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और उन्हें दी गई पूरी अनुदान राशि को वापस लिया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने प्रत्येक क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों को जिले के संबंधित रेखीय विभाग के साथ जोड़ने का निर्देश दिया, ताकि उनकी प्रगति की नियमित समीक्षा की जा सके। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि वे क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट उनके कार्यालय को भेजें। मुख्य विकास अधिकारी ने किसान उत्पादक संगठनों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बेहतर मार्केटिंग रणनीतियों, उत्पादों के विविधीकरण, और उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने पर सुझाव दिए। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों को जिला प्रशासन और अन्य विभागों से सक्रिय रूप से मदद लेने के लिए प्रेरित किया। अपने समापन संबोधन में मुख्य विकास अधिकारी ने ग्रामीण उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसे विभागों को किसान उत्पादक संगठनों के साथ मिलकर वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने किसान उत्पादक संगठन प्रतिनिधियों को अपने मुद्दों को हल करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक के अंत में, सभी हितधारकों से आह्वान किया गया कि वे नैनीताल जिले में किसान उत्पादक संगठन प्रणाली को मजबूत करने के लिए मिलकर प्रयास करें, ताकि किसानों की आजीविका को बेहतर बनाया जा सके और ग्रामीण आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
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