डेंगू के बाद अब उत्तराखंड में इस बीमारी के मरीज बढ़े, बुखार संग दिख रहे हैं ये लक्षण तो सावधान
डेंगू के साथ ही अब उत्तराखंड में यह बीमारी भी कहर बरपा रही है। तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द व्यक्तियों को आठ से 10 दिन तक के लिए बिस्तर पर लिटा रहा है।
अभी तक कोई एडवाइजरी जारी नहीं
बच्चों के साथ बड़े भी चिकनगुनिया की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि सरकारी आंकड़ों में डेंगू के फैलने की बात तो कही जा रही है, लेकिन चिकनगुनिया को लेकर अभी तक कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी अस्पतालों में मरीजों की ज्यादा भीड़ है।
शहर से देहात तक डेंगू ने कहर बरपाया
डेंगू ने इस बार अगस्त में ही दस्तक दे दी थी। उसके बाद से लगातार डेंगू पांव पसारता गया। डेंगू की रोकथाम को लेकर जो प्रयास किए गए, वह नाकाफी साबित हुए। जिसके चलते शहर से देहात तक डेंगू ने कहर बरपाया। अभी भी लगातार डेंगू के मामले आ रहे हैं।
हालांकि सरकारी आंकड़ों में जो संख्या है, वह काफी कम है। वहीं, चिकनगुनिया से पीड़ित होने पर पहले कुछ दिन शरीर और जोड़ों में दर्द महसूस होता है। इसके बाद तेज बुखार होता और जोड़ों में दर्द काफी बढ़ जाता है।
त्वचा भी लाल हो जाती है और दाने उभर आते हैं। चिकित्सकों की मानें तो चिकनगुनिया के ठीक होने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाता है। जोड़ो में दर्द कई बार काफी समय तक बना रहता है।
चिकनगुनिया के लक्षण
- जोड़ों में दर्द महसूस होना, शरीर का निढाल होना
- अचानक से तेज बुखार हो जाना
- जोड़ों में तेज दर्द होना
- त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने होना
चिकनगुनिया से बचाव
- मच्छरों को पनपने न दें
- पूरी बाजू के कपड़े पहने
- घर में मच्छर नाशक दवाओं का छिड़काव करें
- पानी जमा न होने दें
- कोई लक्षण होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लें
- तरल पदार्थ अधिक लें
डेंगू के साथ ही चिकनगुनिया के केस भी आ रहे हैं। चिकनगुनिया होने पर डेंगू के मुकाबले ज्यादा परेशानी होती है। जोड़ों में बहुत दर्द होता है। मरीज को उठने बैठने तक में परेशानी होती है। ठीक होने के बाद भी यह दर्द बना रहता है। लापरवाही बरतने पर यह दर्द लंबे समय तक रह सकता है। उपचार में लापरवाही न बरतें। दवा समय पर लें।
स्त्रोत इंटरनेट मीडिया
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