बिग ब्रेकिंग-गौला नदी से हक-हकूक परमिट के नाम पर अवैध वसूली
अजय अनेजा
हल्द्वानी। गौला नदी से ग्रामीणों को मिलने वाले हक-हकूक के परमिट बनाने के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला प्रकाश में आया है। वसूली की वीडियो बनाने पर डिप्टी रेंजर प्रमोद बिष्टï और अन्य कर्मचारियों ने मोबाइल तोड़ दिया।मामला हल्द्वानी के तराई पूर्वी वन प्रभाग का है। पीडि़त मोटाहल्दू किशनपुर सकुलिया निवासी खीमानंद बलसूनी ने बताया कि वह भी परमिट बनाने वन विभाग के हीरानगर स्थित कार्यालय गए थे। वहां पर परमिट बनने को लेकर लाइन लगी थी और प्रत्येक व्यक्ति से पांच सौ रुपए लिए ला रहे थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया और मोबाइल से वीडियो बनाने लगे तो वहां पर मौजूद डिप्टी रेंजर प्रमोद बिष्टï एवं अन्य स्टाफ ने उनका मोबाइल फोन छीनकर पटक दिया और उसे अपने पास रख लिया। पीडि़त वहां से हीरानगर पुलिस चौकी पहुंचा और उन्होंने घटना की तहरीर दी हैै। पीडि़त का कहना है कि वहां कार्यालय में कैमरे लगे हुए हैं, जिससे साफ पता चल जाएगा। वहीं इस संबंध में जब तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार से फोन पर जानकारी मांगनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।विदित हो कि ग्रामीणों को भवन आदि निर्माण कार्य के लिए प्रतिवर्ष परमिट जारी किए जाते हैं। जिसमें अधिकतर फर्जी होते हैं, जिससे सरकार को लाखों रुपयों का चूना लग रहा है। आज ईद का अवकाश होने के बावजूद कार्यालय परमिट जारी करने के लिए खोला गया है। इसके पीछे क्या राज है, इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।पीडि़त का मामला अब पुलिस के पास पहुंच चुका हैै, अब देखना होगा कि पुलिस के जांच में कितना सच निकलकर आता है। वहीं इस संबंध में हीरानगर चौकी प्रभारी से जानकारी चाही तो उनके फोन से संपर्क नहीं हो सका।
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