बिग ब्रेकिंग: लालकुआं बिंदुखत्ता में झोलाछाप चिकित्सक के इलाज से एक बच्चे के मृत होने के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन मारे झोलाछाप डॉक्टरों के चिकित्सालय में औचक छापे: सीज किए अनेक झोलाछाप चिकित्सालय

ख़बर शेयर करें

ब्यूरो चीफ अजय अनेजा की खास रिपोर्ट

बिंदुखता (नैनीताल)। बच्चे की मौत के बाद जागे स्वास्थ्य महकमे ने बिंदुखता क्षेत्र में छापे मारे। हालांकि टीम के पहुंचने से पहले ही कई संचालक क्लीनिक बंदकर फरार हो गए। एक क्लीनिक संचालक से एमबीबीएस का बोर्ड लगाने के बारे में पूछताछ की तो जांच में वह झोलाछाप निकला। उसका 20 हजार रुपये का चालान काटकर क्लीनिक सील कर दिया। इसके अलावा एक और झोलाछाप का चालान काटा।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रश्मि पंत ने बिंदुखता क्षेत्र में झोलाछाप की क्लीनिकों पर छापा मारा। इस दौरान संजय नगर क्षेत्र में एक क्लीनिक पर एमबीबीएस डॉक्टर का बोर्ड लगा था। टीम ने संचालक से पूछताछ की तो बोर्ड फर्जी निकला। सुविधा क्लीनिक के नाम से खोली गई दुकान में बैठे युवक प्रशांत के पास कोई डिग्री नहीं थी और क्लीनिक के आसपास ग्लूकोस की बोतलें और इंजेक्शन के सिरिंज पड़े थे। टीम ने क्लीनिक संचालक का 20 हजार रुपये का चालान कर क्लीनिक सील कर दिया। टीम ने एक और बंद क्लीनिक का 20 हजार रुपये का चालान कर दुकान में नोटिस चस्पा किया। क्लीनिक स्वामी को फोन कर तीन जून तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। टीम में डॉ. हरीश चंद्र पांडे, लालकुआं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. लव पांडे, डॉ. एके दीक्षित, हल्द्वानी के डॉ. राहुल लशपाल, नायब तहसीलदार राजीव वर्मा आदि थे।

फोटो। बिंदुखता क्षेत्र में झोलाछाप चिकित्सक की दुकान में छापामार कार्यवाही करते स्वास्थ विभाग की टीम।एक बच्चे की हालत नाजुकहल्द्वानी। मेडिकल कालेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल में बेहोशी और सांस फूलने की शिकायत के साथ भर्ती तीन बच्चों में से एक बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है। बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ऋतु रखोलिया ने बताया कि बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया है। एंटिबायोटिक समेत अन्य दवाएं दी जा रही हैं। चिकित्सकों की टीम लगी हुई है, पर अभी बच्चे की सेहत में कोई सुधार नहीं आया है। वहीं, दो अन्य बच्चे भर्ती थे, उसमें एक बच्चे की हालत ठीक है उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ज्ञात हो कि बिंदुखत्ता और मोतीनगर से चार बच्चों को पांच दिन पहले बेहोशी आदि लक्षणों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसमें 27 अप्रैल की रात को एक बच्चे की मौत हो गई थी। अभिभावकों ने आरोप लगाया था कि बच्चों को सीरप पिलाया था, जिसके बाद तबीयत खराब हुई थी। वहीं, सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी का कहना है कि मामले की जांच कराई गई है। इसमें सीरप का कारण नहीं आया है। इलाके में जांच कराई गई है। औषधि निरीक्षक को भी दवा की दुकानों के निरीक्षण के लिए पत्र लिखा जा रहा है।

Ad
Ad