बिग ब्रेकिंग: लालकुआं एवं आसपास के क्षेत्रों में तराई पूर्वी वन विभाग की चौकियों पर खुलेआम होती है अवैध वसूली: सीएम साहब कब होगी इनके विरुद्ध कार्यवाही

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अजय अनेजा।

लालकुआँ :-यूं तो लालकुआं एवं हल्द्वानी रेता बजरी पत्थर खोचड़ की बहुत बड़ी मंडी है जहां से उत्तराखंड के अलावा अन्य प्रदेशों में भी यह भवन निर्माण सामग्री भेजी जाती है वही इस हजारों लाखों लोगों को पोषित करने वाले व्यवसाय को वन निगम एवं वन विभाग के कर्मचारी चौपट करने में लगे हुए हैं तराई पूर्वी वन प्रभाग की गौला रेंज में कई खनन निकासी गेटो पर कार्यरत कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली का मामला सामने आया है जिसमें सुविधा शुल्क के नाम पर वाहन चालको से खुलेआम पैसा लिया जाता है।


आपको बता दें कि ऐसा नही कि एक ही गेट पर ऐसा होता हो लालकुआँ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गौला नदी के कई खनन निकासी गेटो पर पिछले लंबे समय से वन विभाग और वन विकास निगम के कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत से ये खेल बदस्तूर जारी है।तराई पूर्वी वन प्रभाग क्षेत्र के गौला रेंज के गौरापढ़ाव खनन निकासी गेट पर‌‌‍ कर्मचारियों द्वारा खुलेआम बाहरी क्षेत्रों से आने वाले वाहन चालकों से रॉयल्टी और रोड टैक्स के अलावा 220 रुपये से 230 रुपये तक अलग अलग विंडो परअवैध रूप से खुलेआम पैसे लिए जाते है हालांकि कमोबेश गोला नदी के सभी निकासी गेटों पर यही हालात हैं जिस गेट पर भी बाहरी क्षेत्रों से आने वाले वाहन जो कि स्टोन क्रेशर पर ना जाकर निजी रूप से रेता बजरी ले जाते हैं खुलेआम अवैध रूप से उन बाहरी ट्रक चालकों से पैसा लिया जा रहा है किंतु निकासी के गोरापढ़ाव गेट पर तो खुलेआम वसूली की जाती है ऐसा नही कि विभाग को इसकी जानकारी नही हो लेकिन वन विभाग वन विकास निगम पर आरोप मढ़ता है तो वही वन विकास निगम वन विभाग पर आरोप लगाता है ऐसे में दोनों विभाग मिलकर नूरा कुश्ती खेलते हुए एक दूसरे के पाले में गेंद फेंक कर अपने आपको पाक दामन बताने का प्रयास करते हैं अब अगर सूत्रों की माने तो अपरोक्ष रूप से इनके अधिकारी भी इन अवैध वसूली करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही ना कर खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है। जिसे महसूस होता है कि यहां दाल में काला नहीं बल्कि सारी दाल ही काली है।
अब महत्वपूर्ण सवाल ये बनता है कि ये मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी कोई कार्यवाही न होना कई सवाल खड़े करता है ।


वही धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस की सरकार पर पलीता लगाने में ये सरकारी कर्मचारी अधिकारी कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है अगर बाहरी क्षेत्रों से आने वाले वाहन चालकों का इसी प्रकार आर्थिक शोषण होता रहा तो पहले से ही मंदी की ओर जाता यह व्यवसाय दम तोड़ देगा और बाहरी वाहन चालक कहीं और जाकर व्यवसाय करने को मजबूर होंगे अब विभागीय अधिकारी ऐसे में भ्रष्ट गेट इंचार्जों एवं इस अवैध वसूली में लिप्त कर्मचारियों पर आखिर कब कार्यवाही करते है ये देखना होगा ।
क्या इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी या फिर अधिकारीगण कुंभकरण की नींद में सोते रहेंगे।

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