बड़ी खबर 👉 लालकुआं चेन स्मोकर सक्रिय गहरी नींद सोयी रेलवे पुलिस शातिर चोर ने उड़ाई महिला के गले से सोने की चेन वह भी रानीखेत एक्सप्रेस में सरकार से मोटी तनख्वाह लेने वाले रेलवे पुलिस के अधिकारी कहां सोए थे 👉ट्रेनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे पुलिस के हाथ भगवान भरोसे

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अजय अनेजा 👉 एडिटर इन चीफ 👉 लालकुआं 👉 जी हां बात करें रेलवे पुलिस की जो की सरकार से लाखों रुपए तनख्वाह ले रही है उसे अपनी जिम्मेदारी का एहसास तक नहीं जहां केंद्र सरकार लाखों करोड़ों रुपए रेलवे की सुरक्षा के लिए एवं यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस को लाखों रुपए सैलरी के रूप में दे रही है वही अपनी ड्यूटी शायद ही कहीं करते नजर आते हैं रेलवे पुलिस के जवान एवं अधिकारी हां यह जरूर है की लालकुआं का कोई व्यापारी अगर रेलवे फाटक से निकल रहा हो तो उसे जबरदस्ती रेलवे चौकी लालकुआं में लाकर जबरदस्ती उसका चालान कर दिया जाता है ठीक है रेलवे के बने हुए कानून सभी के लिए बराबर है लेकिन जब चलती ट्रेन में एक महिला की सोने की चैन एक चोर के द्वारा खींच ली जाती है तब कहां सोया होता है रेल पुलिस प्रशासन रानीखेत एक्सप्रेस में एक चोर उचक्के के द्वारा एक महिला के गले से चेन छीनकर चलती ट्रेन से भाग गया तब कहां था रेल पुलिस का प्रशासन यह एक सोचनीय विषय है

जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए रेलवे द्वारा जंगल में ट्रेन की स्पीड कम करने से जहां जंगली जानवरों की सुरक्षा में काफी हद तक फायदा मिला है वहीं ट्रेन की धीमी गति का फायदा झपट मार चोर उठाते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है जहां परिवार के साथ रानीखेत एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला को एक लुटेरे ने अपना शिकार बनाते हुए उसकी सोने की चेन को झपट कर लुटेरा ट्रेन से कूद कर फरार हो गया। बताया जा रहा है कि उस वक्त जंगल के रास्ते से धीमी गति से ट्रेन गुजर रही थी जिसका फायदा उचक्के ने उठा लिया। जीआरपी थाना काठगोदाम ने मुकदमा दर्ज कर लुटेरे की तलाश शुरू कर दी है। 

रामनगर कुतुबपूर रेवाड़ी हरियाणा निवासी सोमेंद्र सिंह ने जीआरपी को दी तहरीर में लिखा, वह 13 जून को वह अपने परिवार के साथ रानीखेत एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। लालकुआं के पास एक अंजान व्यक्ति उनकी सीट के पास पहुंचा। वह कुछ समझ पाते इससे पहले ही शातिर ने उनकी पत्नी अनीता के गले से सोने की चेन छीन ली।्

क्या उसे गरीब परिवार को जिसकी सोने की चैन तस्कर उड़कर नहीं गया कहां सोए थे उसे समय रेलवे पुलिस के सिपाही

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