बड़ी खबर: पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से त्रस्त जनता वही पेट्रोल पंप स्वामियों के द्वारा गोलमाल करने का अंदेशा: सूत्र

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अजय अनेजा

लाल कुआं हल्द्वानी-बीते 22 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल जारी है। बुधवार को पेट्रोल की कीमतों में 80 पैसे और डीजल की कीमतों में 70 पैसे की वद्धि दर्ज की गई हैै। इसके साथ हल्द्वानी में पेट्रोल 97.80 पैसे और डीजल 91.39 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। बीते नौ दिनों में आठ दिन तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है। यानी बीेत नौ दिनों में पेट्रोल 4.55 पैसे डीजल में डीजल में 4.82 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।21 मार्च को हल्द्वाानी में पेट्रोल 93.25 और डीजल 86.57 रुपए प्रति लीटर बिका था। वहीं 22 मार्च को हल्द्वानी में डीजल के दाम में 0.81 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी और पेट्रोल की कीमत में 0.67 पैसे प्रति लीटर कीमत बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। जिसके बाद हल्द्वानी में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप पर डीजल की कीमतों 87.38 रुपये प्रति लीटर व पेट्रोल 93.92 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था। तब से एक दिन 24 मार्च को छोड़ कर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में उछाल लगातार जारी है।पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत पिछले वर्ष छह नवंबर से स्थिर थी। तीन नवंबर को केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर तेल की कीमत कम कर दी थी। पांच नवंबर को हल्द्वानी में पेट्रोल 98.64 रुपये व डीजल 86.83 रुपये प्रति लीटर बिका था। दो नवंबर, 2021 में हल्द्वानी में पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था। डीजल 98.65 रुपये प्रति लीटर खरीदना पड़ा था।हर दिन जारी होती हैं कीमतेहर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह 6 बजे से ही नए रेट लागू हो जाते हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम मूल भाव से लगभग दोगुना हो जाता है। यही कारण है कि पेट्रोल-डीजल के दाम इतने अधिक दिखाई देते हैं।

वही कुछ उपभोक्ताओं ने यह भी बताया की लाल कुआं एवं आसपास के क्षेत्रों में स्थित पेट्रोल पंपों पर जब भी तेल डलवाने जाओ तो या तो तेल कम डाला जाता है या ऐसा प्रतीत होता है कि पेट्रोल पंप स्वामियों के द्वारा मिलावटी तेल दिया जा रहा है जिससे गाड़ियों के इंजन सीज होने का खतरा बना रहता है समझ में नहीं आता शासन और प्रशासन समय-समय पर इन पेट्रोल पंपों की जांच क्यों नहीं करता है क्यों खामोश होकर मुक दर्शक बना रहता है जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है आखिर किसके संरक्षण में चल रहा है यह तेल का मिलावटी कारोबार

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