बड़ी खबर:आखिर कब सुधरेगी डॉ• सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की व्यवस्थाएं मरीजों के लिए संकट की घड़ी

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अजय अनेजा

हल्द्वानी : कुमाऊं के सबसे बड़ा डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में न्यूरो से जुड़े आपरेशन बंद हो गए हैं। इससे गरीब मरीजों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। इसका कारण न्यूरोसर्जन को अभी तक आपेरशन थिएटर नहीं मिलना है। जिस इमरजेंसी आपरेशन थिएटर में अब तक आपरेशन किए जा रहे थे, उसमें संक्रमण का खतरा रहता है।

राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन संचालित डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में दो न्यूरोसर्जन कार्यरत हैं। इसमें से एक न्यूरोसर्जन प्रतिमाह 20 से 30 आपरेशन कर रहे थे। इससे गरीब मरीजों को कम खर्चे में अच्छा लाभ मिल रहा था, लेकिन पिछले चार दिन ये आपरेशन बंद हैं।

ऐसे हो रहे हैं आपरेशन 

इस समय इमरजेंसी आपरेशन थिएटर में ही न्यूरोसर्जन, यूरोसर्जन के अलावा ईएनटी आदि के आपरेशन हो रहे हैं। लगातार आपरेशन होने से सफाई की भी दिक्कत रहती है। इसलिए न्यूरोसर्जन ने ऐसे में संक्रमण का खतरा बताते हुए आपरेशन करने से इन्कार कर दिया है। जबकि एक न्यूरोसर्जन की ओपीडी में प्रतिदिन 140 मरीज पहुंचते हैं। इनमें गरीब मरीजों की संख्या अधिक रहती है। पांच रुपये में उन्हें सुपरस्पेशलिस्ट से परामर्श मिल जाता है।

ट्रामा सेंटर कब संचालित होगा, पता नहीं

ऐसा नहीं कि अस्पताल में आपरेशन थिएटर नहीं है। अलग से ट्रामा सेंटर बना है। इसमें हाइटेक आपरेशन थिएटर है। इसके बावजूद इसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि इसके लिए अभी पर्याप्त स्टाफ नहीं है।

जनप्रतिनिधि इलाज को करते हैं फोन, सुविधाओं को लेकर मुंह फेरा

एसटीएच कुमाऊं टर्सरी सेंटर है। कुमाऊं के छह जिलों मरीज रेफर होकर पहुंचते हैं। वहीं कुमाऊं भर से सभी छोटे-बड़े नेता अपने मरीज के इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन व डाक्टरों को फोन करते हैं। इसके बावजूद सुविधा बढ़ाने को लेकर कोई पहल करता नहीं दिख रहा है। इस समय कुमाऊं से ही खटीमा निवासी पुष्कर सिंह धामी सीएम होने के साथ ही सितारगंज, सोमेश्वर व बागेश्वर के विधायक कैबिनेट मंत्री भी है। हल्द्वानी निवासी व बाजपुर विधायक यशपाल आर्य नेता प्रतिपक्ष हैं।

यह है एसटीएच की स्थिति

– 650 बेड का है पूरा अस्पताल

– 1500 मरीज प्रतिदिन ओपीडी में पहुंचते हैं

– 140 मरीज प्रतिदिन न्यूरोसर्जरी की ओपीडी में

– 20 से 25 मरीजों का प्रतिमाह न्यूरो से संबंधित आपेरशन

– 30 से अधिक मरीजों का प्रतिदिन होता था अल्ट्रासाउंड

– 30 मरीजों की हो जाती थी एमआरआइ जांच

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड ठप, एमआरआइ खराब

एसटीएच में 14 मार्च से अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लटका है। पांच दिन से एमआरआइ मशीन भी खराब है। रेडियो डायग्नोसिस विभाग रेडियालाजिस्ट विहीन है। मरीज निराश लौटने को विवश है। फिर भी कोई सुधलेवा नहीं है।

न्यूरोसर्जन डा. अभिषेक राज ने बताया कि अलग से आपरेशन थिएटर की डिमांड की गई है। इसके बाद बेहतर तरीके से हर तरह के आपरेशन करना संभव हो जाएगा। फिलहाल संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी ओटी में आपरेशन नहीं कर रहे हैं। केवल गंभीर मरीजों के ही आपरेशन हो रहे हैं।

प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी का कहना है कि यह मामला मेरे संज्ञान में है। आपरेशन पूरी तरह बंद नहीं है। न्यूरोसर्जन ने अलग से आपरेशन थिएटर की डिमांड की है। पर्याप्त स्टाफ नहीं है। फिर भी जल्द ही ट्रामा ओटी में न्यूरो से संंबंधित आपरेशन हो सकेंगे। इसके लिए तैयारी चल रही है। मरीजों को हर तरह की सुविधा देने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं।

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