मुख्यमंत्री चौहान ने किया धार्मिक भावनाओं और लोकतंत्र का अपमान: रावत

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अजय अनेजा


-पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

लालकुआं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं लालकुआं विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार हरीश रावत ने भाजपा के स्टार प्रचारक तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चारधाम और चारकाम वाले व्यंग्य पर पलटवार करते हुए कहा है कि एक मुख्यमंत्री का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान अत्यंत अमर्यादित और निंदनीय है। जिस प्रकार से उन्होंने कांग्रेस के लिए कहा है यह धार्मिक भावनाओं और लोकतंत्र का अपमान है।
रावत ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कहना चाहता हूं कि आप नकली धर्माचारणी हो। आप धर्म पर विश्वास नहीं करते हो। हम धर्म पर विश्वास करने वाले लोग हैं। मुझे अपने धर्म पर उस धर्म पर जिसकी व्याख्या शिकागो में स्वामी विवेकानंद ने की थी। कहा था कि मेरा धर्म महान है। वह उदार है सही सहिष्णु है। वह भारतीय परंपराओं का प्रतीक है। वह सनातन है और इसीलिए कहां से आया कहां तक चलेगा वह गंगा की तरह अविचल तरीके से चलने वाला भाव है। हमारा ऐसा धर्म महान है। हरीश रावत को अपने धर्म पर अभिमान है। मैं दूसरे धर्मों का भी सम्मान करता हूं। मैं स्वामी विवेकानंद जी के शब्दों में एक उदार इंसान हूं। जो दूसरों का आदर करके आनंदित होता हूं। शिवराज चौहान जी आपकी सोच आपको मुबारक हो। जनता जनार्दन फैसला करेगी कि आप जैसे लोगों का क्या होगा। हम कांग्रेस जन संकल्पबद्ध हैं कि हम जिन वादों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं उन्हें हर हाल में पूरा करेंगे। हमने पहले भी करके दिखाया है और आगे भी करके दिखाएंगे इसका भरोसा जनता को देते हैं।

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