यहां 9 माह की प्रसूता ने लगाई फांसी गर्भस्त शिशु की भी मौत

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अजय अनेजा

हल्द्वानी : यह खबर सुनकर हर किसी की आंखें नम हो जा रही हैं। कुछ ही वक्त बचा था एक नई जिंदगी की किलकारी से पूरे घर का माहौल खुशनुमा हो जाता। मंगल गीत गाए जाते। लेकिन इससे पहले ही एक गलत फैसले ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया। नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लाक निवासी एक मह‍िला ने हल्द्वानी में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। वह नौ माह की गर्भवती थी। मां की मौत से गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। खुदकुशी के कारण का पता नहीं चल सका है।आरटीओ पुलिस चौकी इंचार्ज कृष्णा गिरी ने बताया कि ओखलकाड़ा के मुक्तेश्वर निवासी 20 वर्षीय मुन्नी देवी पत्नी ईश्वरी राम का विवाह एक साल पहले हुआ था। कुछ महीने पहले दंपती शिव शक्ति विहार कुसुमखेड़ा में किराये के मकान में रहने लगा था। ईश्वरी राम एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। मंगलवार देर शाम वह घर पहुंचा तो पत्नी फंदे से लटकी हुई थी।चौकी इंचार्ज ने बताया कि स्वजन खुद ही शव को फंदे से उतारकर निजी अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार को तहसीलदार की मौजूदगी में पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर स्वजनों को सौंप दिया। मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।मृतका नौ माह की गर्भवती थी। फंदे पर झूलने से उसकी भी गर्भस्थ शिुशु की भी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद मायके पक्ष के लोग पोस्टमार्टम हाउस में पहुंच गए थे। देर शाम तक पुलिस को तहरीर नहीं दी गई है। चौकी इंचार्ज कृष्णा गिरी ने बताया तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।मेरा क्या कसूर था मांनौ माह तक नवजात के लिए मां ने क्या कुछ नहीं किया होगा। बच्चे के होने पर कई सपने भी संजोए होंगे। आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि उसे जान देनी पड़ गई। उसने एक बार भी अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में नहीं सोचा। जिसने भी महिला की मौत की खबर सुनी, उसके घर पहुंचा। सबके मुंह से यही निकल रहा था कि बच्चे का क्या कसूर था। जब उसे जन्म लेने का समय आया तो दुनिया में आने से पहले ही उसे दुनिया छोडऩी पड़ गई।

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