परिसर में धरना बंद करो नहीं तो पुलिस आप को जबरदस्ती हटाएगी

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अजय अनेजा

हल्द्वानी : उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में उपनल व आउटसोर्स से जुड़े कर्मचारी 14 मार्च से आंदोलनरत हैं। मंगलवार को धरना खत्म कराने के लिए पुलिस-प्रशासन फोर्स के साथ पहुंच गया। कर्मचारियों से दिन भर जद्दोजहद चलते रही। पुलिस व प्रशासन ने जब सख्ती से कहा, परिसर में धरना बंद करो, वरना जबरदस्ती हटा लिया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी धरने से उठकर इधर-उधर हो गए। हालांकि कर्मचारी नेता डटे रहे।

विश्वविद्यालय से हटाए गए आउटसोर्स के दो पर्यावरण कार्यकर्ताओं को बहाल करने, संविदा के छह कर्मचारियों को नियुक्त करने, उपनल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने आदि मांगों को लेकर कर्मचारी 14 मार्च से परिसर में धरने पर बैठे हैं। इन कर्मचारियों की विवि प्रशासन से कई दौर की वार्ता विफल रही थी। मंगलवार को परिसर में नायब तहसीलदार हरीश चंद्र बुद्धिष्ठ, कोतवाल हरेन्द्र चौधरी, चौकी प्रभारी मनोज कुमार समेत पुलिस फोर्स पहुंच गए।

कर्मचारियों की पुलिस-प्रशासन के समक्ष कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. पीडी पंत से वार्ता हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद प्रशासन व पुलिस ने सख्ती से निपटने की चेतावनी देती रही। दिन भर यही ड्रामा चलता रहा। कई थानों से फोर्स के साथ बस भी बुला ली गई। इसके बावजूद कर्मचारी व शिक्षक नेता जिद पर अड़े रहे। उनका कहना था कि जब जब मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।

जबकि फोर्स बढ़ते देख तमाम कर्मचारी काम पर जाने को तैयार हो गए। ऐसे में कुछ देर तक नेताओं व कर्मचारियों की बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। नायब तहसीलदार ने कहा कि धरना परिसर में देना गलत है। धरना देने के लिए निर्धारित जगह बुद्ध पार्क है। हालांकि कर्मचारी नेता परिसर में ही धरना देने के लिए तमाम तर्क देते रहे, लेकिन प्रशासन ने किसी भी तर्क पर सहमति नहीं जताई। कोतवाल ने कहा, अगर हमें यहां दोबारा आना पड़े तो स्थिति बिगड़ जाएगी। सख्ती बरतने के बाद अधिकांश कर्मचारी इधर-उधर हो गए।

विवि का शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस बुलाना तानाशाही वाला रवैया है। विश्वविद्यालय में धारा 144 लगने की बात करना कर्मचारियों को गुमराह करना है। आगे से पुलिस को बुलाया तो कर्मचारी गिरफ्तारी को तैयार होंगे। कर्मचारी किसी भी तरह का दमन नहीं सहेंगे। -राजेश आर्य, अध्यक्ष कर्मचारी संघ

कर्मचारियों के हित में काम किया जाएगा। जायज मांगों पर विश्वविद्यालय विचार करेगा, लेकिन वादा नहीं कर सकता है। धरना परिसर में देना गलत है। इसके लिए नो वर्क नो पे का आर्डर जारी किया है। विवि में परीक्षा का कंट्रोल रूम है। धारा 144 लागू है। धरना नहीं कर सकते हैं। –प्रो. पीडी पंत, कार्यवाहक कुलसचिव

बड़े मजे की बात है, पुलिस हमारे साथ है

पुलिस के समक्ष शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विवि प्रशासन की जिद से मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है। शिक्षक संघ अध्यक्ष आर्य ने हमें भी डर है किसी ने यहां गोल मार दी। गुंडे बुला लिए। चौकी प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि इसलिए ही तो हम यहां आए हैं। इतने में डा. भूपेंद्र ने पुलिस के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी, बड़े मजे की बात है, पुलिस हमारे साथ है। तालियां बजने लगी। वहीं जब धरने से कर्मचारी उठकर चले गए। तब एक बार फिर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ताली बजाते हुए सभी को बुलाने लगे। कहने लगे, एक बार उन सभी दर्शकों के लिए भी ताली बजाएं। हमारी साथी तो ठीक हैं, लेकिन कुछ दर्शक हमारी यह स्थिति होते देख खुश हो रहे होंगे।

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