मैं ही बनूँगा बाहुबली: चुनावी महासमर का आज होगा शुभारंभ
उत्तराखण्ड आज होगा महामुकाबले का शुभारंभ….. पूर्व मुख्यमंत्री समेत यह करेंगे नामांकन….. देखें जनता को इनसे क्या है उम्मीदें….
विधानसभा चुनाव 2022 में अचानक वीआईपी सीट बनी लालकुआं से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद यहां मुकाबला एकदम दिलचस्प हो गया है। नामांकन के अंतिम दिन आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रातः 10:30 बजे बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र लालकुआं तहसील में दाखिल करेंगे। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी डॉ मोहन सिंह बिष्ट 11:30 बजे नामांकन पत्र प्रस्तुत करेंगे। वही दोपहर को भाजपा से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोकने वाले पूर्व चेयरमैन पवन चौहान नामांकन करेंगे।
अचानक से हॉट सीट बनी लालकुआं विधानसभा का सबसे बड़ा मुद्दा बिंदुखत्ता का राजस्व गाव है। 70 हजार की आवादी वाले इस गांव को हरीश रावत ने पूर्व में मुख्यमंत्री रहते हुए नगरपालिका का दर्जा दिया था। हालांकि भाजपा व भाकपा माले समेत अन्य दलो के भारी विरोध के कारण बाद मे इस निर्णय को वापस लेना पड़ा। जिसके बाद भाजपा ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा कर यहा से जीत दर्ज की। लेकिन पांच साल में राजस्व गांव की दिशा में कोई काम नहीं के चलते क्षेत्रवासी मायूस है। ऐसे मे लोगो को बिंदुखत्ता के मामले में एक बार फिर हरीश रावत पर उम्मीद दिखाई दे रही है। इसके अलावा हल्द्वानी में अंतराष्ट्रीय बस अड्डा, रिंग रोड, गौलापार् में चिड़ियाघर, गौलापार में अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम, बिंदुखत्ता में मिनी स्टेडियम, हल्दुचौड़ में 30 बेड का अस्पताल, लालकुआं में भू स्वामितव, गौला व सूखी नदी से बाढ़ सुरक्षा, जंगली जानवरो से फसलों कि सुरक्षा समेत तमाम समस्याएं पूरे पांच वर्ष तक फाइलों में ही दौड़ती रही। रोजगार की समस्या में भी भाजपा कोई सार्थक कार्य नहीं कर सकी। जिस कारण क्षेत्र में भाजपा के प्रति नाराजगी भी है।
हालांकि भाजपा ने इस विधानसभा से विधायक नवीन दुम्का का टिकट कटाकर जनता से सीधे रूप से जुड़े ड्रा मोहन बिष्ट को टिकट देकर जनता की नाराजगी दूर करने का काम किया है। अब मोहन बिष्ट के सामने नाराज चल रहे अपनों को मनाने की चुनौती है।
इधर मुख्यमंत्री के चेहरे हरीश रावत के लालकुआं से प्रत्याशी घोषित होने के बाद लोगों में विकास को लेकर काफी उम्मीदें दिखाई दे रही है। जिसकारण लालकुआं चुनाव दिलचस्प व रोमांचक होने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है।
इधर पिछले 15 वर्षों से टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व पर नजरें गड़ाए पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन पवन चौहान को इस बार भी निराशा हाथ लगी है, जिसके चलते इस बार उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोकने का निर्णय लिया है, वह भी इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने से नहीं चूकेंगे।
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