लालकुआं ब्रेकिंग-जैसा विभाग वैसे अधिकारी”राम भरोसे वनों की सुरक्षा”विभाग में तेज तर्रार अधिकारियों के होने के बावजूद वनों को लूटने में लगे वन तस्कर”सुराज सेवा दल ने की चंद सालों में मालामाल बने सभी अधिकारियों की संपत्ति की जांच की मांग-(पढ़े पुरी खबर)

ख़बर शेयर करें

मुकेश कुमार -लालकुआं-वन महकमा अपने तेजतर्रार अधिकारियों समेत भारी-भरकम अमले के बावजूद कई मामलों में लकड़ी तस्करों तक पहुंचने में अब तक नाकाम साबित हुआ है हाल ही में कई अवैध लकड़ी एवं खनन के वाहन तो वन महकमें ने पकड़े लेकिन लकड़ी व खनन चालकों और उसमें शामिल तस्करों को पकड़ने में हमेशा की तरह विफल साबित रहा है जो कहीं ना कहीं विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है।


बताते चले कि बीते वर्ष लालकुआं नगर के मुख्य बाजार में स्थित वन विभाग की कार्यशाला परिसर में खड़े 30 साल पुराने चंदन के पेड़ को तस्करों ने रात में काट दिया। हालांकि पुलिस के सायरन की आवाज सुनकर तस्कर चंदन की काटी गई लकड़ी लिए बगैर ही चम्पत हो गए।
बता दें कि तराई केन्द्रीय वन प्रभाग की इस कार्यशाला परिसर में दर्जन भर से अधिक वनकर्मी एंव अधिकारियों के परिवार निवास करते हैं प्रातः जैसे ही बीट के अधिकारी ने कटा हुआ चंदन का वृक्ष देखा तो हड़कम्पं मच गया आनंन फानन में बीट अधिकारी ने इसकी सूचना वन विभाग के उच्चाधिकारियों को दी। जिसके बाद मौके पर पहुचे तराई केंद्रीय वन प्रभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का मुआयना करते हुए मामले की जांच के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए।बावजूद तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टाड़ा रेंज की कार्यशाला परिसर में कांटे गए 30 साल पुराने विशालकाय चंदन के वृक्ष का दोहन करने वाले तस्कारों का एक साल बीत जाने बाद भी पता नही चल सका है।जो अपने आप में सोचने का विषय है। जबकि वन महकमें में कई तेजतर्रार एवं काबिल अधिकारी मौजूद हैं।
वही सिलसिला यहीं नही रुकता इसके कुछ महीने बाद ही टाड़ा रेंज के जगंल में घुसकर सगौन के भी कई पेड़ काटे गए लेकिन उसमें भी नतीजा वही “ढाक के तीन पात रहा”


बताते दें कि लालकुआं तराई केन्द्रीय वन प्रभाग के टाड़ा रेंज वन तस्कर गढ़ बनता जा रहा है और विभागीय अधिकारी अपने एअरकंडीशनर रूम में बैठकर बाखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।


ऐसा नहीं है कि मामला एक रेंज का हो इधर तराई पूर्वी वन प्रभाग के डौली रेंज के निरीक्षण भवन के समीप लगे दो चंदन के पेड़ों को भी बीते कुछ माह पूर्व तस्करों ने काटकर वन महकमें को चुनौती दे डाली,घटना की सूचना मिलते ही सुबह मौके पर पहुंचे वन कर्मियों को काटे गए पेड़ों के गिल्टे जमीन पर पड़े मिले इसके बाद सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई।वन क्षेत्राधिकारी डौली रेंज के मुताबिक वन विभाग ने काटे गए पेड़ों की पूरी लकड़ी बरामद कर ली है वन विभाग तभी से इस मामले में तफ्तीश कर रहा है लेकिन नतीजा यहां भी शून्य ही नजर आ रहा है।
फिलहाल वन महकमें की बड़ी लापरवाही के चलते ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इसी तरह से बेशकीमती चंदन और सागौन के पेड़ों का तस्कर दोहन करते रहे तो वो दिन दूर नही होगा कि क्षेत्र से चंदन और सागौन के पेड़ों को विलुप्त होते अधिक समय नहीं लगेगा।

इधर सुराज सेवा दल के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह अधिकारी ने वन विभाग के विभिन्न मामलों में लापरवाही पर बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुऐ चंद सालों में करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने वन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की है उन्होने कहा कि इसके लिए जल्द ही सूबे के मुख्यमंत्री से मिलकर उनके द्वारा ज्ञापन भी सौपा जायेगा।

Ad