महाकाल की नगरी उज्जैन में जागेश्वर धाम के हेमन्त भट्ट बने महामण्डलेश्वर, ऋषिवर कृष्ण चन्द्र काण्डपाल को अंतर्राष्ट्रीय सप्तऋषि अखाड़ा परिषद का राष्ट्रीय प्रवक्ता किया नियुक्त

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रिपोर्टर – अंजली पंत
हल्द्वानी

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सप्तऋषि अखाड़ा परिषद के संत समागम सम्मेलन में उत्तराखण्ड देवभूमि जागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी श्रीमान हेमन्त भट्ट जी को विधिवत पट्टाभिषेक कर महामण्डलेश्वर की पदवी प्रदान की गई। परिषद के संस्थापक श्री सच्चिदानंद बालप्रभु जी महाराज, जगदगुरु श्री अवधेश प्रपन्नाचार्य जी और अध्यक्ष ऋषि हर मनोज दास गुरुजी की पावन उपस्थिति में यह विशेष समारोह सम्पन्न हुआ। सनातन धर्म की रक्षा, अखाड़े की संगठनात्मक मजबूती और संत परंपरा की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हेमन्त भट्ट जी को अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

सम्मेलन में जागेश्वर से ऋषिवर कृष्ण चन्द्र काण्डपाल जी को अंतर्राष्ट्रीय सप्तऋषि अखाड़ा परिषद का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। इस अवसर पर श्री श्री 1008 कैलाशानंद महाराज जी का भी उत्तराखण्ड आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में भक्तजनों ने फूल मालाओं और शॉल से उनका अभिनंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महामण्डलेश्वर कैलाशानंद महाराज जी ने शॉल उड़ाकर ऋषिवर काण्डपाल को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं और विश्वास जताया कि वे अखाड़ा परिषद के कार्यों को नई दिशा देंगे।

महामण्डलेश्वर जी ने शीघ्र ही गुरुकुल स्थापना, गौशालाओं का निर्माण, धर्मशास्त्र और शस्त्र शिक्षा का प्रसार, संस्कृत गुरुकुलों की स्थापना तथा नशामुक्ति व धर्मांतरण रोकने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को प्रारम्भ करने की घोषणा की। राष्ट्रीय प्रवक्ता ऋषिवर काण्डपाल जी ने कहा कि चारों धामों व देवभूमि के प्रमुख मंदिरों के संतों व पुजारियों को अखाड़ा परिषद से जोड़ने का कार्य पूरे मन से किया जाएगा। 1825 में हरिद्वार में स्थापित यह अखाड़ा भारत के 13 प्रमुख अखाड़ों के बीच समन्वय स्थापित कर धार्मिक आयोजनों का संचालन करता है। समारोह में कई संत-महंतों और सामाजिक प्रतिनिधियों ने भाग लेकर आशीर्वाद दिया और नई कार्यकारिणी को शुभकामनाएं दीं।

बाइट हेमंत भट्ट
बाइट कृष्ण कांडपाल