यहां क्यों नहीं करता आरटीओ और प्रशासन कोई उचित कार्रवाई

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रुद्रपुर

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किच्छा-सुनो आपको पता है की एन एच 74 पर मौत खुलेआम तांडव कर रही है बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन आंखे बंद कर बैठा है ।आखिर क्यों? क्या प्रशासन को किसी बहुत बड़ी घटना घटने का इंतजार है।
आखिर कैसे किच्छा से यूपी तक ई रिक्शा और ऑटो प्रतिदिन सैकड़ों लोगो को मौत का सफऱ करा रहे हैं और क्षेत्रीय प्रशासन हैं कि चुप चाप यह सब देख रहा है, या यू भी कह सकते हैं कि वह इस ओर ध्यान देना नहीं चाहता। पर इसकी क्या वजहा हो सकती हैं यह समझना मुश्किल है।
फिलहाल यह मौत का सफऱ उत्तराखंड से यूपी ओर यूपी से उत्तराखंड तक चल रहा हैं।किच्छा से प्रतिदिन ई रिक्शा मौत का रूप धारण कर नियमों की खिल्ली उढ़ाते हुए कोतवाली और पुलभट्टा थाना सहित बॉर्डर पर बनी आरटीओ साहब को भी मुँह चिढ़ाते हुए सैकड़ो लोगो को मौत का सफर करवा रहे हैं। जिस पर प्रशास पूर्ण रोक लगाने मे विफल साबित हो रहा हैं।
न केवल यह डग्गामारी कर रहे हैं बल्कि ड्राइवर सीट पर भी लोगो को आधा अंदर आधा बहार लटका कर हाइवे से ले जा रहे हैं।
और इन्ही हाइवे पर भारी भरकम गाड़िया और ओवरलोड वाहन भी धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इस हाइवे पर कभी भी कोई भी बड़ी अप्रिय घटना घट सकती हैं।
हाइवे और बॉर्डर पर आरटीओ चौकी और पुलभट्टा थाना होने का उद्देश्य पडोसी राज्य से आने वाले अपराधी और वाहनों से आने वाले अपराधी और घटने वाले अपराध पर नियंत्रण करना उनको रोकना प्रथम उद्देश्य था।
लेकिन इन्ही बॉर्डर कमिया और लापरवाही भी खूब देखने को मिलती हैं जबकि इस बॉडर इलाके मे प्रशासन को चुस्त रहने की जरूरत होती हैं।
लेकिन यहां से गुजरने वाले ई रिक्शा और ऑटो बिना परमिट इधर से उधर जा रहे हैं।और ई रिक्शा की पहचान करना भी मुशकील हैं क्योंकि यह बिना नंबर के ही दौड़ रहे हैं इनसे नशे के समान की तस्करी होने की संभावना भी मजबूत हो सकती हैं।और यही नहीं 18 से कम उम्र के लोग भी इसको चला रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को हाइवे के नियमों की भी जानकारी नहीं हैं जो आने वाले समय मे किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं।

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