मंदिर में एंट्री करने पर दलित युवक को कोयले से दागा, पिता के सामने पीटते हुए फाड़ दिए कपड़े, जाने पूरा मामला

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उत्तरकाशी: जनपद उत्तरकाशी के मोरी थाना क्षेत्र के ग्राम बैनोल में मंदिर में प्रवेश करने पर गांव के ही अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने व कोयले से दागने का मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के ही कुछ सवर्ण युवाओं ने अनुसूचित जाति के युवक को मंदिर के अंदर करीब 16 घंटे तक बंधक बनाए रखा। लकड़ी के जलते कोयले से दागा गया और बीच-बचाव करने आए युवक के पिता के सामने ही उसके कपड़े फाड़ दिए व नंगा कर पीटा। गंभीर घायल युवक को मोरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में उपचार दिया गया। वहीं, इस मामले में मोरी थाना पुलिस ने बैनोल गांव के पांच युवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इस घटना से गांव में तनाव है।

पीड़ित परिवार की सुरक्षा व तनाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। युवक के हाथ, पीठ और कूल्हे में कोयले से दागने के घाव हैं। स्वजन उपचार के लिए युवक को देहरादून ले गए हैं। गुरुवार को पुलिस टीम गांव जाएगी। जिलाधिकारी ने पुरोला के उपजिलाधिकारी को भी मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 180 किमी दूर मोरी थाना क्षेत्र के बैनोल गांव निवासी अनुसूचित जाति के आयुष पुत्र अतर लाल ने पुलिस को तहरीर दी। उसमें बताया कि नौ जनवरी की शाम को उसने गांव के निकट सालरा स्थित कौंल महाराज (शिव मंदिर) के मंदिर में प्रवेश किया। तभी सवर्ण जाति के कुछ युवाओं ने मंदिर का गेट बंद कर दिया।

युवकों ने आयुष के लिए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर उसकी पिटाई की। आरोप है कि नशे की हालत में युवकों ने उसे जलते हुए अंगारों (कोयला) से दागा। आयुष के पिता अतर लाल पत्नी के साथ मंदिर परिसर में पहुंचे और युवाओं से बेटे को छोड़ने की गुहार लगाते रहे। इस दौरान आसपास के अन्य लोग भी मौके पर एकत्र हो गए। परंतु, आरोपित युवक यहीं नहीं रुके और पिता के सामने ही बेटे को पीटते रहे और कपड़े फाड़ कर नग्न कर डाला। इसके बाद युवक के पिता व मां घर लौट गए। बुरी तरह से घायल होने पर आयुष बेहोश हो गया। होश में आने के बाद 10 जनवरी की सुबह करीब दस बजे वह किसी तरह से आरोपितों के चंगुल से भाग निकला। रास्ते में उसको ग्रामीण मिले। उन्होंने उसे बदन ढकने के लिए कपड़े दिए। किसी तरह युवक घर पहुंचा तो आरोपित युवक भी उसके घर धमक पड़े और कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी दी।

गत मंगलवार की दोपहर बाद अतर लाल अपने घायल बेटे आयुष को लेकर मोरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। फिर बुधवार को हिम्मत कर अतरलाल घायल बेटे को लेकर मोरी थाने पहुंचे और तहरीर दी। पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने के मामले में पांच आरोपित युवक भग्यान सिंह, चैन सिंह, जयवीर सिंह, ईश्वर सिंह, आशीष सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। सभी आरोपित बैनोल, थाना मोरी, जिला उत्तरकाशी के निवासी हैं। एससी एक्ट, बंधक बनाने, मारपीट सहित जान से मारने की कोशिश करने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और इस मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कुमार को दी गई है। जल्द आरोपित युवकों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

बायें हाथ से किए हस्ताक्षर

बैनोल के आरोपित युवकों ने अनुसूचित जाति के आयुष को इतनी बुरी तरह से पीटा है कि आयुष अपने दाहिने हाथ से तहरीर पर हस्ताक्षर भी नहीं कर पाया। आयुष के हाथ को कोयले से बुरी तरह से दागा गया है। युवक के दाहिने हाथ, पीठ व कूल्हे में दागने के निशान हैं। 22 वर्षीय आयुष दसवीं पास है। उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। आयुष गांव में ही मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार का भरण पोषण करता है।

उत्तराखंड एससी एसटी इंप्लाइज फेडरेशन और बहुजन समाज पार्टी जिलाध्यक्ष विजयपाल तंगानी ने इस घटना की कड़ी भर्त्सना की है। उत्तराखंड एससी एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के मंडलीय अध्यक्ष सीएल भारती के नेतृत्व में कई लोग बुधवार को एसपी अर्पण यदुवंशी से भी मिले। इस घटना में आरोपितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति के युवक की पिटाई करने की घटना में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से बात की गई है। साथ ही पुरोला के उपजिलाधिकारी को भी मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

पीड़ित युवक का पिता अतर लाल ने बताया कि बैनोल गांव से करीब आठ किमी की पैदल दूरी पर सालरा के पास कौंल महाराज का मंदिर है। हम भी उसी देवता को मानते हैं। इस मंदिर में कोई निर्माण होने पर अनुसूचित जाति के परिवार के सदस्य भी चंदा देते हैं। परंतु अनुसूचित वर्ग के व्यक्तियों के लिए मंदिर में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। गलती से मेरा बेटा आयुष मंदिर में गया तो कुछ युवाओं ने उसे वहीं बंधक बना दिया। सूचना पर रात दस बजे मैं अपनी पत्नी के साथ सालरा मंदिर में पहुंचा। मैं अपने बेटे की जिंदगी की भीख मांगता रहा। परंतु उन्होंने उसे पीटना और जलते अंगारों से दागना नहीं छोड़ा। 

गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल का कहना है कि मंदिर में भगवान सभी के हैं। सभी सनातनी लोग समान रूप से भगवान का दर्शन कर सकते हैं। पूजा कर सकते हैं। मोरी में हुई घटना की भर्त्सना करते हैं। सनातनी समाज में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है।

स्रोत इंटरनेट मीडिया

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