पूरे विश्व में प्रसिद्ध पूर्णागिरि मेला आज से शुरू उद्घाटन के लिए पहुंचे कुमाऊं कमिश्नर

ख़बर शेयर करें

अजय अनेजा

लाल कुआं हल्द्वानी-प्रसिद्ध पूर्णागिरि मेला आज 3 बजे से शुरू हो रहा है। इसका उद्घाटन कुमाऊं के कमिश्नर दीपक रावत करेंगे। पुलिस प्रशासन तैयारी में जुटा हुआ है।वहीं इस मेले की तैयारियों को लेकर पूर्व की बैठक में खुद सीएम धामी भी हिस्सा ले चुके हैं। पर स्थानीय लोगों में मेला शुरू होने के दिन तक पूरी तरह से व्यवस्था न होने पर गुस्सा जताया। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं को उचित सुविधा न करा पाना उनकी आस्था से खिलवाड़ होगा। पर्यटक व श्रद्धालुओं से ही काफी आमदनी होती है।क्या है महत्वचम्पावत जनपद के टनकपुर कस्बे से 24 किमी दूर अन्नपूर्णा चोटी में मां पूर्णागिरि विराजमान हैं। पुराणों में उल्लेख है कि जब सती ने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित होकर स्वयं को जला डाला तो भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को आकाश मार्ग से ले जा रहे थे। इस दौरान मां की नाभि अन्नपूर्णा चोटी पर गिर गई। जहां नाभि गिरी उस स्थल को पूर्णागिरि शक्तिपीठ के रूप में पहचान मिली।पूर्णागिरि पहुंचने के लिए दिल्ली से टनकपुर तक सीधी ट्रेन सेवा है। इसके अलावा त्रिवेणी एक्सप्रेस भी यहां चल रही है। पीलीभीत से भी ट्रेन सेवा का संचालन हो रहा है। लखनऊ, देहरादून सहित देश के कई बड़े शहरों से टनकपुर तक सीधी बस सेवा की भी सुविधा है।मेले के दौरान तो यहां स्पेशल ट्रेनें भी संचालित होती हैं। हालांकि यहां कोरोना काल के दौरान ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद फिर से ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है।श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से सीधे भैैरव मंदिर तक पहुंच सकते हैं। बड़ी बसों का संचालन ठूलीगाड़ तक ही होता है। यहां से श्रद्धालु टैक्सियों से पूर्णागिरि पहुंच सकते हैं। टनकपुर से भी टैक्सी के जरिए ठूलीगाड़ और भैरव मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।इसके बाद मां के दर्शन के लिए 4 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। जिसमें कई रोचक पड़ाव आते हैं। यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टनकपुर में रहने-खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। यहां होटलों के साथ ही धर्मशालाएं हैं

Ad
Ad