पहाड़ी पालक से सस्ता हुआ मुर्गा..चिकन खाने वालों की बल्ले बल्ले। बिंदुखत्ता व लालकुआं में चिकन के दामों में भारी गिरावट🤗
मुर्गा खाने वालों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। जी हां इस समय लाल कुआं व बिंदुखत्ता के बाजारों में मुर्गे के मीट में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। जहां एक और सब्जियों के रेट में जबरदस्त उछाल से महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर मुर्गा व्यवसायियों के आपसी खींचतान से बाजार में इस समय चिकन 80 से 120 रुपए किलो बिक रहा है। लोग लाइनों में लगकर चिकन की खरीदारी कर रहे हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय तबके के परिवारों को इससे काफी राहत मिली है।
लोकल बाजार में इस समय पहाड़ी पालक 150 रुपए किलो तक बिक रही है जोकि अन्य दिनों में 30 से 40 रुपए किलो तक बिका करती थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले चिकन खरीदने से पहले सोचना पड़ता था लेकिन अब मूल्य सामान्य होने से पत्नियां कह रही है कि रोज चिकन ही लाओ।
क्या कहते है दुकानदार:
पहले आधा किलो ही खरीद रहे थे: नासिर
चिकन विक्रेता नासिर का कहना है कि पूर्व में मुर्गों के दाम अधिक होने से लोग दो से तीन किलो के स्थान पर महज आधा किलो चिकन ले रहे थे। जिससे उनके मुर्गे बिक नहीं पा रहे थे। दामों में गिरावट आने से बिक्री बढ़ी है। लोगों को लाइन में लगाना पड़ रहा है।
दुकानदार बादाम का कहना है कि पूर्व में स्थानीय क्षेत्रों में पोल्ट्री में लोगों ने मुर्गी बच्चा नहीं रखा। जिसके चलते मंडी में बाहर के राज्यों से सप्लाई आ रही थी। जो महंगी थी, अब स्थानीय क्षेत्रों से सप्लाई पहुंच रही है। इससे दाम भी कम हुए हैं।
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