जहां कभी सड़क तक नहीं थी वहां बन गया हेलीपैड उत्तराखंड सीएम धामी का गांव
अजय अनेजा
पिथौरागढ़ : सियासत में कुर्सी का ही सब खेल होता है। जिसके पास सत्ता सुख-सुविधाएं नवग्रह की तरह उसके चक्कर लगाने लगती हैं। उत्तराखंड में धामी के सीएम बनते ही खटीमा सीट व पिथौरागढ़ के पैतृक गांव में विकास की धारा तेजी से बहती हुई देखी जा सकती है। हो भी क्यों न आखिर सीएम का क्षेत्र व गांव जो ठहरा। पद देखकर अधिकारी भी विकास करने की सोचते हैं। वर्ना अभी तक यह गांव विकास से अछूता न रहता।
अभी कुछ महीने पहले सीएम के गांव हड़खोला में पैदल चलने को रास्ता तक न था। गांव पहुंचने को करीब 5 किमी पैदल चलना पड़ता था। मरीज को अस्पताल जाने के लिए डोली ही सहारा थी। वहीं अब गांव में सड़क क्या हेलीपैड तक बन गया है।
गांव में सभी जरूरत की सुविधाएं पूरी हो रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक वेलनेस सेंटर खुल जाए जिससे छोटी-छोटी बीमारियों में गांव में ही उपचार मिल जाए। दूसरे कार्यकाल में स्वास्थ्य केंद्र का भी बनना तय माना जा रहा है।
पिछले छह माह में गांव के लिए पांच किमी सड़क तैयार हो चुकी है अब ग्रामीण अपने घरों से ही वाहन में बैठकर तहसील या जिला मुख्यालय तक पहुंच रहे हैं।
गांव में हैलीपेड तैयार हो चुका है। मंदिर सौंदर्यीकरण का कार्य भी पूरा हो चुका है। गांव में पैदल मार्ग भी ठीक किए जा रहे हैं। ग्रामीण गांव में हो रहे विकास से गदगद हैं। सीएम की चुनाव में हार के बाद गांव में सन्नाटा छा गया था। गांव में किसी को धामी के हार पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। पर बाद में सीएम की घोषणा होने के बाद गांव में पुरुष-महिलाएं टोली बनाकर नृत्य किया। कुमाऊंनी गीत गुनगुनाए।
सीएम धामी के पहले अल्पकाल के कार्यकाल में ही जब गांव में इतना सब विकास हो गया। तो दूसरे में गांव का कायाकल्प हो जाएगा। यह सोच गांव के लोग फूले नहीं समा रहे।
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