उत्तराखंड का यह जिला बना आतंकियों की सैरगाह, छह राज्यों के खूंखार बदमाश भी ले रहे पनाह
रुद्रपुर: उत्तराखंड की औद्योगिकनगरी रुद्रपुर बदमाशों के बाद अब आतंकियों की शरण स्थली बनते जा रहा है। यही कारण है कि जहां बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा तथा यूपी के नामी गिरामी बदमाशों का आना जाना लगा हुआ है।
वहीं पंजाब के आतंकी भी अब यहां शरण लेने लगे है। कुमाऊं मंडल के प्रवेश द्वार ऊधमसिंह नगर में सिडकुल स्थापना के बाद से जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई। नौकरी की तलाश में बाहरी युवा भी बड़ी संख्या में यहां आए।
तेजी से पैसा आया तो शातिर अपराधियों की नजर भी औद्योगिक नगरी पर टिक गई। ऐसे में वे आपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस से बचने के लिए यहां शरण ले रहे हैं। यह उनके लिए सुरक्षित ठिकाना भी बन रहा है।
अपराधिक वारदात को अंजाम देकर हो जाते हैं फरार
मौका मिलने पर वह यहां भी अपराधिक वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। फलस्वरूप छह सालों में यहां बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा के खूंखार अपराधियों ने शरण ली।
रुद्रपुर के व्यापारी की दुकान के आगे फायरिंग कर गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के नाम पर एक करोड़ की फिरौती की धमकी का भी मामला सामने आया। काशीपुर में शरण लिए खूंखार गैंगस्टर से मुठभेड़ के बाद एसटीएफ ने पंजाब में आतंकी हमले के साजिशकर्ता को शरण देने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया।
खूंखार अपराधी हुए गिरफ्तार
17 नवंबर 2020 को सितारगंज में पुलिस पर चेकिंग के दौरान हरियाणा के तीन इनामी बदमाशों ने हमला कर दिया था। इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब जांच की गई तो पता चला वह लंबे समय से सितारगंज में किराए में रह रहे थे। गिरफ्तार बदमाश पवन पर एक लाख रुपये, मोनू पर 50 और आशीष पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
19 जुलाई 2021 को स्पेशल टास्क फोर्स को पंजाब के क्राइम कंट्रोल यूनिट से सूचना मिली कि पंजाब के खूंखार गैंगस्टर काशीपुर में शरण लिए हुए हैं। जिसक बाद एसटीएफ कुमाऊं मंडल और पंजाब की क्राइम कंट्रोल यूनिट की खूंखार गैंगस्टरों से काशीपुर के गुलजारपुर गांव में मुठभेड़ हो गई है। जिसमें तीन गैंगस्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
21 जनवरी 2022 की रात एसटीएफ ने पंजाब के पठानकोट में बम ब्लास्ट के साजिशकर्ता को शरण देने वाले बाजपुर और केलाखेड़ा के चार युवकों को गिरफ्तार किया है। हांलाकि टीम के उन तक पहुंचने से पहले ही आतंकी फरार हो गया। इस पर एसटीएफ ने आतंकी को शरण देने वाले शेरा से एक पिस्टल और चार कारतूस के साथ ही तीन अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
90 के दशक में सक्रिय थे खालिस्तानी आतंकी
ऊधम सिंह नगर को मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है। पंजाब के बाद 90 के दशक में तराई आतंकी गतिविधियों का गढ़ था। खालिस्तान नेशनल आर्मी के नाम से आतंक फैला रहे लोग यहां जबरन घरों में पनाह लेते थे। स्वर्णा, हीरा और घोड़ा जैसे आतंकियों का खौफ था।
पुराने लोगों के मुताबिक घोड़ा के बारे में बताया जाता था कि यह आतंकी जितना तेज आगे भागता था, उससे तेज पीछे भी भागता था। 17 अक्टूबर, 1991 को रुद्रपुर भी आतंक का गवाह बना।
भूतबंगला रामलीला मैदान में और इंदिरा चौक स्थित पुराना जिला अस्पताल में एक बम ब्लास्ट हुआ था। जिसमें 40 से अधिक लोगों की जान गई, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना को अंजाम देने से पहले आतंकियों ने पूरी तैयारी कर ली थी और बमों को जमीन पर दफनाया गया था। यहां तक की रामलीला मैदान के पास स्थित जवाहर लाल नेहरू अस्पताल तक धमाके हुए थे।
आतंकियों ने साइकिल में बम बांध रखे थे। जो भी घायल अस्पताल की ओर आया वह भी अस्पताल में हुए धमाके में मारा गया या फिर गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस दौरान 30 लोग रामलीला मैदान में और 10 से अधिक लोग जिला अस्पताल में हुए विस्फोट में मारे गए थे।
स्रोत इंटरनेट मीडिया
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