उत्तराखंड के इन शहरों से जल्द हटाए जाएंगे ऑटो-विक्रम, पढ़े पूरी खबर

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आरटीए ने दून शहर में प्रदूषण को कम करने के डीजल-पेट्रोल वाले ऑटो-विक्रम को बाहर करने के साथ ही स्टेज कैरिज यात्री वाहनों के 18 रूटों पर बीएस-6, सीएनजी और हाईब्रिड वाहनों के संचालन पर भी विचार किया है।

इसमें पर अभी अंतिम फैसला होना है। इसमें सब्जी-मंडी-लालपुल तिराहा से महंत इंद्रेश हॉस्पिटल-कारगी चौक-सरस्वती विहार-अजबपुर-धर्मपुर-पुलिस लाइन-रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी से मोथरोवाला-दूधली।

साथ ही, परेडग्राउंड-लाडपुर-जोगीवाला-रिस्पना आईएसबीटी, जोगीवाला-बद्रीपुर-नवादा-डिफेंस कॉलोनी-रिस्पना-आराघर-प्रिंसचौक-तहसील चौक- परेडग्राउंड, एस्लेहॉल-दिलारामचौक-हाथीबड़कला-विजय कॉलोनी-सर्किट हाउस-बीजापुर गेस्ट हाउस-मिलिट्री अस्पताल-डाकरा-गढ़ीकैंट-टपकेश्वर, ग्रेट वैल्यू होटल चौराहे से दिलाराम बाजार-सालावाला-हाथीबडकला-सर्किट हाउस-सप्लाई डिपो-अनारवाला-जोहड़ी गांव-भगवंतपुर-मसूरी रोड-मालसी डायवर्जन।

परेडग्राउंड से मालदेवता, परेड ग्राउंड से सर्वेचौक-नैनी बैकरी-दिलाराम-कैनाल रोड-धोरण-तिब्बती कॉलोनी-कुल्हान, परेड ग्राउंड से दून अस्पताल-धर्मपुर-माता मंदिर रोड-बाईपास-सचिवालय कॉलोनी-मोथरोवाला चौक मार्ग, कुठालगेट से एस्लेहॉल मार्ग वाया मालसी डियर पार्क, घंटाघर-सीमाद्वार-मेहूवाला-तेलपुर चौक और प्रेमनगर-ठाकुरपुर मोड-महेंद्र चौक-उम्मेदपुर-शिमला बाइपास मार्ग शामिल हैं। आरटीए सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण और सस्ती सार्वजनिक सेवा उलपब्ध कराने के लिए इस पर विचार किया गया है।

इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों से घटेगा प्रदूषण
सार्वजनिक परिवहन के लिए सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले पुराने ऑटो और विक्रम वाहन हटने से प्रदूषण कम होगा जबकि देहरादून समेत पांच शहरों में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के संचालन से एक्यूआई के स्तर में सुधार आ सकता है। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, विकासनगर, ऋषिकेश में पेट्रोल-डीजल से संचालित ऑटो विक्रम हटा दिए जाएंगे।

उनकी जगह सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस-6 वाहन ही चलेंगे। आरटीए की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे प्रदेश के शहरों की आबोहवा में भी सुधार होगा और हवा में वाहनों के धुएं से फैलने वाला जहर कम होगा। वहीं लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का भी कम सामना करना पड़ेगा।

इस क्षेत्र में कार्य करने वाली एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल कहते हैं कि निसंदेह यह स्वागतयोग्य कदम है। इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के चलने से प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी। जब हमारे पास डाटा होगा। उत्तराखंड में सभी जगहों पर यह स्टडी होनी चाहिए। दून से इसकी शुरुआत की जाएगी।

इस स्टडी के परिणाम सामने आने से अच्छी रणनीति बन पाएगी। उधर, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई अन्य जगहों पर हुई रिपोर्ट में सामने आया कि इलेक्ट्रिक वाहन चलाए जाने से यातायात से होने वाले कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को 60 फीसदी तक कम हो सकता है।
स्रोत इंटरनेट मीडिया

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