आखिर क्यों लालकुआं में ‘कुआं’ दिखाई दे रहा है इस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री को

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पूरी विधानसभा को ‘कुआं’ बताना तुच्छ मानसिकता की सोच

हरीश रावत ने कुवें से अमृत निकालकर लाऊंगा कहकर मारा चौका

अजय अनेजा/ संजय जोशी

देहरादून/लालकुआं: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा लालकुआं को ‘कुआं’ कहने पर क्षेत्रवासियों में नाराजगी दिखाई दे रही है। लोगो का कहना है लालकुआं कौमी एकता का गुलदस्ता है। यहा पर कुमाऊं गढ़वाल के साथ ही यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा समेत तमाम प्रदेशों के सभी जाति धर्मो के लोग मिलजुल कर रहते है। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने इस क्षेत्र को कुए की संज्ञा देकर यहा की जनता का अपमान किया है।
बता दें कि गत दिवस भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने एक बयान में कहा था कि हरिश रावत पहले राम कि नगरी मे गये थे अब कुए मे गये है। जबकी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कहा कि हरीश रावत की राजनीति के लिए लालकुआं मौत का कुआं साबित होगा। जिसको लेकर क्षेत्रवासियों में गहरी नाराजगी दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि अपने राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते क्षेत्र के नाम को बिगाड़ रहे हैं उन्होंने कहा कि लालकुआं कुमाऊं का प्रवेश द्वार है। उत्तराखंड के साथ ही कई प्रांतों के विभिन्न समुदाय व जाति के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं। विभिन्न तीज त्योहारों में यहां पर एक ही मैदान पर कई संस्कृतियों का संगम दिखाई देता है। कृषि व औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी यह क्षेत्र कुमाऊं की आर्थिक आधार भी है। ऐसे में लालकुआं के नाम को बिगड़ना राजनितिक कुरुपता को दर्शाता है।

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