अगर सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल हो सकता है सस्ता: समझें ये गणित

ख़बर शेयर करें
  • तेल की कीमतों में करीब 50 फीसदी टैक्स
  • पेट्रोल की कीमतों में लगातार दूसरे दिन बढ़ोत्तरी

 रूस और यूक्रेन में जंग के बीच कच्चे तेल (Crude Oil) में भारी उबाल जारी है, जिसका असर भारत पर भी दिखने लगा है. भारत में पेट्रोल (Petorl) और डीजल (Diesel) के दाम पिछले दो दिनों से बढ़ रहे हैं. बुधवार को भी 80 पैसे लीटर को बढ़ोतरी की गई. तेल कंपनियों का कहना है कि कच्चे तेल में उछाल से मजबूरी में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ानी पड़ रही है.

इस बीच देश के तमाम हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपये लीटर से महंगा बिक रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहने वाला है. ऐसे में आम आदमी पर महंगाई (Inflation) की तेज मार पड़ने वाली है. लेकिन सरकार चाहे तो टैक्स (Tax) में कटौती कर राहत दे सकती है. 

इस बीच एक आंकड़ा सामने आया है, जो दिखाता है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब 50% टैक्स होता है. कई राज्यों में ये आंकड़ा 50 फीसदी को भी पार कर जाता है. ऐसे में अगर एक आम आदमी समझना चाहे कि उसने 100 रुपये का पेट्रोल भरवाता है तो उसपर कितना टैक्स जाता है? नीचे चार्ट में आप देख सकते हैं. केवल अपना राज्य चुनें और उसके बगल में आंकड़े देखें कि वे 100 रुपये के पेट्रोल पर कितना टैक्स दे रहे हैं. 

  राज्य और केंद्र शासित प्रदेश    100 रुपये के पेट्रोल पर कुल टैक्स 
 उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)          45.20 रुपये 
 बिहार (Bihar)         50.00 रुपये 
 महाराष्ट्र (Maharashtra)         52.50 रुपये 
 राजस्थान          50.80 रुपये 
 पंजाब         44.60 रुपये 
 पश्चिम बंगाल         48.70 रुपये
 दिल्ली         45.30 रुपये 
 तमिलनाडु          48.60 रुपये
 तेलंगाना          51.60 रुपये 
 आंध्र प्रदेश         52.40 रुपये 
 केरल         50.20 रुपये 
 मेघालय         42.50 रुपये 
 झारखंड          47.00 रुपये 
 छत्तीसगढ़          48.30 रुपये
 गुजरात         44.50 रुपये 
 असम          45.40 रुपये
 अरुणाचल प्रदेश          42.90 रुपये
 उत्तराखंड           44.10 रुपये 
 नागालैंड         46.60 रुपये 
 मिजोरम          43.80 रुपये 
 मणिपुर           47.70 रुपये
 ओडिशा         48.90 रुपये 
 कर्नाटक           48.10 रुपये
 गोवा         45.80 रुपये 
 मध्य प्रदेश          50.60 रुपये
 हरियाणा           45.10 रुपये
 हिमाचल प्रदेश           44.40 रुपये
 सिक्किम           46.00 रुपये
 त्रिपुरा          45.80 रुपये
 जम्मू-कश्मीर         45.90 रुपये 
 लद्दाख           44.60 रुपये
 पुड्डुचेरी           42.90 रुपये
  लक्षद्वीप          34.60 रुपये
 अंडमान निकोबर          35.30 रुपये 
 दमन एंड द्वीप         42.00 रुपये 
  

(नोट: ये आंकड़े 22 मार्च 2022 के भाव पर आधारित है)

उदाहरण के तौर पर देखें तो 22 मार्च 2022 दिल्ली में 100 रुपये के पेट्रोल भरवाने पर ग्राहक को 45.30 रुपये टैक्स देना पड़ा. जिसमें 29 रुपये केंद्र सरकार के खाते में गया, और 16.30 रुपये राज्य सरकार को टैक्स के रूप में मिला. देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल पर टैक्स महाराष्ट्र में वसूला जाता है, यहां 100 रुपये के पेट्रोल पर साढ़े 52 रुपये टैक्स में जाता है. वहीं सबसे कम लक्षद्वीप में 100 रुपये पेट्रोल पर केवल 34.60 रुपये टैक्स के तौर पर ग्राहक भरता है. बता दें, एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार वसूलती है और वैट का पैसा राज्यों के खातों में जाता है.  

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के लिए पेट्रोल-डीजल कमाई का एक बड़ा जरिया है. केंद्र ने पिछले 3 वित्त वर्षों में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) पर टैक्स से लगभग 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है. वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर करों (Texas on Petrol-Diesel) से 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए. 

दिसंबर-2021 में शीतकालीन सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया था कि पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) से साल 2018-19 में 2,10,282 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 2,19,750 करोड़ रुपये और वर्ष 2020-21 में 3,71,908 करोड़ रुपये एकत्रित हुए.

Ad
Ad