यहाँ विश्वविद्यालय में छात्रों ने किया हंगामा, बाइकें जलाई, कारों के शीशे तोड़े, फायरिंग का आरोप

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प्रयागराज स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परिसर में सोमवार दोपहर अचानक छात्र संघ का हुजूम उमड़ पड़ा। छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में एकत्रित होकर जमकर हंगामा किया। रोष जता रहे छात्रों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया है। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय के गेट पर तैनात गार्ड ने गोली चलाई है। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बताया गया कि छात्र छुट्‌टी का दिन होने के बावजूद छात्रों ने छात्र संघ भवन पर बंद ताले को खोलने की कोशिश की। इस दौरान विश्वविद्यालय में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तभी दोनों पक्षों में विवाद पनप गया। 

गोली चलाने का आरोप लगा छात्रों ने किया पथराव

छात्रों में शामिल अभिषेक और हरेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि गार्डों ने गोलियां चलाई। इसके बाद सभी छात्र भड़क गए और जमकर हंगामा हुआ। सभी छात्रावासों से छात्र विश्वविद्यालय परिसर में उमड़ पड़े और पत्थरबाजी भी की।

उधर, सूचना मिलने पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और स्थिति को संभालने में जुट गया। मामले को लेकर हुए तनाव की गंभीरता को देखते मौके पर पुलिस कमिश्नर रमेश शर्मा और अन्य अधिकारी पहुंच गए।

काम नहीं आई छात्र नेता की अपील

विवि परिसर में फैला तनाव इतना बढ़ गया कि मौके पर डीएम भी पहुंचे। वहीं आकाश कुलहरि भी छात्रों को समझाने में जुटे रहे। पत्थरबाजी के दौरान छात्र नेता विवेकानंद के सिर में गंभीर चोट आई है, लेकिन वह छात्रों को समझाने में जुटे रहे उन्होंने छात्रों ने पत्थरबाजी के बजाय शांति मार्च निकालने की बात कही।

नियंत्रण से बाहर हुए छात्र

छात्रों में पनपा रोष नियंत्रण के बाहर हो चुका था। रोष जता रहे छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान प्रॉक्टर कार्यालय पर हमला करने के प्रयास में  छात्रों ने गमले और कुर्सियां तोड़ दी और पत्थर भी चलाए। इस दौरान दो बाइकों में आग लगा दी। छात्रों ने दर्जनों कारों के शीशे भी तोड़ दिए।

घायल छात्र नेता विवेकानंद ने डीएम से की बात

हालांकि सभी छात्र बाद में छात्र संघ भवन की तरफ लौटे लेकिन इस दौरान भी उन्होंने पत्थरबाजी जारी रखी। देर शाम पांच बजे तक स्थिति सामान्य होने पर घायल छात्र नेता विवेकानंद डीएम और पुलिस अधिकारियों से मिले। उन्होंने पूरी घटना के बारे में उन्हें अवगत कराया। इस दौरान विवेकानंद ने कहा कि मामले में जब तक मुकदमा और गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वह मरहम पट्टी नहीं कराएंगे और ना विश्वविद्यालय से जाएंगे।

स्रोत इंटरनेट मीडिया

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