बहन ने प्रेमी से जबरन करवाई भाई की हत्या, रच डाली दृश्यम फिल्म जैसी साजिश..

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चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार थाना इलाके में स्थित हनुमान मंदिर के पीछे की तरफ 5 दिसंबर को लगभग 200 फीट गहरे कुएं में अज्ञात व्यक्ति की सिर कटी लाश मिली थी।
शव की पहचान महेंद्र राईका के रूप में हुई। लाश को कुएं से निकालने के दौरान एक शख्स पुलिस की बिन मांगे ही मदद कर रहा था, पुलिस से उसने अपना नाम महावीर धोबी बताया, शव को फिनाइल से साफ भी उसने किया। मृतक महेंद्र के हाथ में कुछ लिखा था. पुलिस ने नाम पढ़ने के लिए हाथ साफ करवाया, पुलिस को ऐसा लगा कि कमलेश रायका हाथ पर लिखा है लेकिन महावीर अपने जज्बात नहीं रोक सका और अचानक बोल उठा कि कमलेश नहीं बल्कि महेंद्र राईका लिखा हुआ है। पुलिस को उसी समय महावीर पर शक हो गया, उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और फिर पूछताछ के लिए थाने बुलाया जहां उसने हत्या का पूरा राज उगल दिया।

SHO शिवलाल मीणा ने बताया कि पूछताछ में महावीर धोबी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि वह यह हत्या नहीं करना चाहता था और प्रेमिका तनु उर्फ तनिष्का के भाई महेंद्र राईका को समझा कर शादी के लिए मनाना चाहता था, तनु को उसने कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी और उस पर दबाव महेंद्र की हत्या का दबाव बनाती रही। मृतक महेंद्र राइका अपनी मां और दो बहनों के साथ अपने मामा शांतिलाल राइका के यहां रह रहा था। वहीं पास ही में महावीर का घर था, महेंद्र के घर महावीर का काफी आना-जाना था, इसी दौरान महावीर और तनु के बीच दोस्ती प्यार में बदली। महावीर और तनुष्का दोनों एकदूसरे से प्रेम करते थे।

तीन साल से चल रहा था अफेयर

दोनों के बीच पिछले तीन साल से अफेयर चल रहा था और दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन परिवारजनों ने उसकी शादी उज्जैन में महेंद्र के ही ससुराल में तय कर दी थी. यह शादी आटा-साटा प्रथा के जरिये हो रही थी. इससे परेशान होकर तनुष्का अपने प्रेमी महावीर पर दबाव बना रही थी. महावीर ने अपने प्रेमिका के प्यार के लिए एक दोस्त के साथ मिलकर उसके भाई की हत्या कर दी. दो आरोपियों को पुलिस ने रिमांड पर ले रखा है.
कुएं में फेंका धड़ तो रतलाम में फेंका मोबाइल

पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि हत्या करने के बाद आरोपी घबरा गए थे. शव को ठिकाने लगाने को लेकर इनकी प्लानिंग नहीं हो पाई थी. हत्या करने के बाद उन्होंने दृश्यम फिल्म को दो बार देखा. फिर लाश को कुएं में फेंका. तीनों ने महेंद्र राइका का मोबाइल बंद कर दिया. 5 दिन तक अपने-अपने घर में ऐसे रहे जैसे कुछ हुआ ही ना हो. 5 दिन बाद महावीर प्लानिंग के मुताबिक, ट्रेन से चित्तौड़ से रतलाम पहुंचा. वहां पर महेंद्र राइका का मोबाइल ऑन किया और अपनी प्रेमिका तनु से बात की ताकि तनु घरवालों को जानकारी दे सके कि महेंद्र सकुशल है और उसके बारे में कोई पूछताछ न करें. उसके बाद महावीर मृतक महेंद्र का मोबाइल रतलाम में छोड़कर अपने घर लौट आया. इस दौरान वह अपना मोबाइल गंगरार में ही छोड़कर गया ताकि पुलिस को गुमराह कर सके.
प्रेमी महावीर ने ले रखे थे प्रेमिका से 40 हजार रुपये

जांच में सामने आया कि प्रेमी महावीर ने तनु से 40 हजार रुप ले रखे थे जिसकी जानकारी महेंद्र को हो गई थी. महेंद्र लगातार महावीर को अपने घर आने से रोक रहा था. साथ-साथ अपनी बहन के पैसे भी उससे मांग रहा था. ऐसे में पैसे भी नहीं देने पड़े और शादी भी हो जाए, इसके चलते योजनाबद्ध तरीके से महेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए महावीर ने साजिश रची और उसे मौत के घाट उतार दिया।

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