मकर संक्रांति पर उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम, उत्तराखंड में तड़के तीन बजे से गंगा घाटों पर स्नान जारी

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मकर संक्रांति के पावन पर्व पर रविवार को भी उत्‍तराखंड के गंगा घाटों पर स्‍नान जारी रहा। स्‍नान के लिए भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

हरिद्वार और ऋषिकेश सहित अन्‍य शहरों गंगा घाट सहित अन्‍य नदियों के घाटों पर स्‍नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे।मकर संक्रांति पर धर्मनगरी में उल्लास नजर आया। हरकी पैड़ी व मालवीय द्वीप समेत आसपास के गंगा घाटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते दिखे।

गंगा स्नान के बाद दीपदान, दान और मंदिरों के दर्शन को भी श्रद्धालु पहुंचे। हरकी पैड़ी और आसपास गंगा घाट हर हर गंगे जय मां गंगे जय घोष से गुंजायमान रहा। इधर मकर संक्रांति स्नान को लेकर मिला क्षेत्र को 7 जोन और 17 सेक्टर में बांटा गया है। बस स्टेशन पर भी आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा चहल-पहल दिख रही है।

उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट, जड़ भरत घाट, अस्सी गंगा घाट सहित अन्य गंगा घाटों में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा।

इसके साथ ही विश्वनाथ मंदिर जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर टिहरी उत्तरकाशी जनपद के सैकड़ों गांव से श्रद्धालु अपनी देवी देवताओं की डोलियों के साथ गंगा स्नान के लिए पहुंचे।

मणिकर्णिका घाट में तड़के 3:00 बजे से गंगा स्नान जारी रहा

उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट में तड़के 3:00 बजे से गंगा स्नान जारी रहा। करीब 3 घंटे के अंतराल में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं सहित 200 से अधिक देव डोलियों ने मकर संक्रांति की अमृत बेला पर गंगा स्नान किया। गंगास्थान का सिलसिला आज पूरे दिन चलता रहेगा। उत्तरकाशी के कंडार देवता और हरि महाराज सहित की स्थानीय देवी देवता गंगा स्नान करेंगे।

भले ही उत्तरकाशी के प्रमुख मणिकर्णिका घाट पर जिला प्रशासन जिला पंचायत और नगरपालिका की समुचित व्यवस्था नहीं दिखी। गंगा घाट से रेत बजरी के ढेर भी नहीं हटाए गए। इसके कारण श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करने के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

कई बार घाट क्षेत्र से भी बिजली गुल हुई। उत्तरकाशी शहर की अधिकांश गलियों में भी अंधेरा पसरा रहा। सुबह के दौरान श्रद्धालुओं को आवाजाही करने में परेशानी का सामना भी करना पड़ा। नगर पालिका की ओर से अलाव की भी उचित व्यवस्था नहीं की गई।

हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति पर्व पर धर्मनगरी में श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। हालांकि ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का मुख्य पुण्यकाल स्नान पर्व 15 जनवरी को है, इसलिए मुख्य स्नान रविवार को हुआ। लेकिन, संक्रांति के निमित्त और सप्ताहंत के कारण शुक्रवार शाम से ही श्रद्धालुओं का धर्मनगरी आना शुरू हो गया था।

शनिवार को भी ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई। कड़ाके की ठंड के बीच शाम पांच बजे तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। स्नान का क्रम देरशाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने स्नान-ध्यान और गंगा पूजन के बाद तिल, गुड़, खिचड़ी, वस्त्र इत्यादि का दान किया।

मकर संक्रांति के अवसर पर दिल्ली, पंजाब, नेपाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से दूर-दराज आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित धर्मनगरी के बिरला घाट, वीआइपी घाट, मालवीय घाट सहित अन्य गंगा घाटों पर डुबकी लगाई। हाड़ कंपाती ठंड के बावजूद आस्था से सराबोर श्रद्धालुओं की टोलियां हरकी पैड़ी की ओर डग भरती नजर आ रही थी।

पूरा दिन गंगा तट गंगा मइया के जयकारों से गुंजायमान रहे। हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर अपेक्षाकृत भीड़ कम होने से श्रद्धालुओं को ब्रह्मकुंड पर डुबकी लगाने का पूरा मौका मिला। श्रद्धालुओं ने भाष्कर देवता को अर्घ्य चढ़ाकर गंगा में डुबकी लगाई। पितरों के निमित्त कर्मकांड के साथ ही दान भी किया।

सामान्य दिनों की अपेक्षा हरकी पैड़ी क्षेत्र में खासी चहल-पहल रही। पुलिस के अनुसार शाम पांच बजे तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर लिया था। इस दौरान एसएसपी अजय सिंह व एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने हरकी पैड़ी समेत अन्य स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

स्रोत इंटरनेट मीडिया

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