बड़ी खबर👉 लालकुआं वन निगम डिपो नंबर पांच में अधिकारी एवं कर्मचारी की मिलीभगत से लाखों का गोल माल

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लालकुआँ वन निगम डिपो नंबर पांच अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों का घोटाला,

ब्यूरो चीफ अजय अनेजा

लालकुआँ– स्थित डिपो संख्या पांच में बड़े घपले की गोपनीय सूचना मिलने के बाद हरकत में आए वन विकास निगम के अधिकारियों ने आनन-फानन में मामले की जांच बिठाई। जिसमें प्रभागीय विपणन प्रबंधक द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टिया नीलामी की निर्धारित कीमत से कम रकम का बिल बनाने का घोटाला सामने आ गया। पता चला है कि विभागीय कर्मचारी और अधिकारी आपसी सांठगांठ के चलते पांच लाख रुपये रकम का बिल महज तीन लाख रुपये का बना रहे थे। आनन-फानन में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई। जिसके बाद क्षेत्रीय प्रबंधक कुमाऊं महेश चंद्र आर्य ने प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय अधिकारियों की उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन करते हुए 24 अगस्त तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने कहा कि वन विकास निगम की नीलामी के प्रपत्र में कूट रचित तरीके से छेड़छाड़ कर कम रकम का बिल बनाने के मामले को विभाग ने गंभीरता से लिया है जिस पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई होनी तय है। क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फिलहाल निलंबन एवं मुकदमे की कार्रवाई गतिमान है जल्द ही बड़े स्तर की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी के साथ अन्य डिपो में भी इस तरह की हरकत ना हुई हो इसी आशंका को लेकर जांच टीम विस्तृत जांच करेगी।इधर प्रभागीय विपणन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह के अनुसार उन्होंने प्रथम दृष्टया जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है तथा चार अधिकारी एवं कर्मचारियों के निलंबन की संस्तुति करते हुए तीन अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कूटरचित तरीके से किए गए घोटाले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को तहरीर भेज दी है जिस पर जल्द ही मुकदमा पंजीकृत हो जाएगा। वहीं वन विकास निगम लालकुआँ के डिपो संख्या पांच में हुए उक्त घोटाले को लेकर जहां अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि वन निगम के कई डिपो में अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा आपसी मिलीभगत से विगत लम्बे समय से इस तरह की हेराफेरी को अंजाम देकर वन निगम को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है।

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