अध्यक्ष पद चुनाव पर कांग्रेस अभी भी असमंजस में, पार्टी के सामने 4 विकल्प। राहुल गांधी पहली पसंद। शशि थरूर व अशोक गहलोत भी मैदान में

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कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही, वैसे-वैसे कांग्रेसी नेताओं की हलचल बढ़ती जा रही है. अबतक अध्यक्ष पद चुनाव के लिए शशि थरूर और अशोक गहलोत का नाम सामने आ रहा है, लेकिन अब तक कुछ फाइनल नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेसी नेता राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए मना रहे हैं, लेकिन राहुल अब इस सवाल को सिर्फ एक मुस्कान के साथ टाल रहे हैं.
इस बीच दिल्ली में कई मीटिंग्स हो रही हैं, जिनकी असर केरल के कोच्चि तक पड़ता दिख रहा है. बुधवार की बात करें तो राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत दिल्ली आकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले. दूसरी तरफ केरल से सांसद शशि थरूर दिल्ली में AICC (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) के हेडक्वॉर्टर पहुंचे. यहां वह कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से मिले और चुनाव की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली.

शशि थरूर व अशोक गहलोत भी अध्यक्ष की दौड़ में


थरूर की बात करें तो वह सोनिया गांधी से पहले ही मिल चुके हैं. इस मुलाकात में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़े होने की इच्छा जता दी थी. सोनिया ने भी इसके लिए हरी झंडी दिखा दी थी. दूसरी तरफ अशोक गहलोत अब तक यही कह रहे हैं कि उनकी पहली कोशिश रहेगी कि राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष बनें. इसके लिए वह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान केरल में राहुल गांधी से मिलकर उनको मनाने की कोशिश भी करेंगे. लेकिन अगर राहुल नहीं माने तो वह अध्यक्ष पद चुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे. हालांकि, इस बात पर भी सस्पेंस है कि अगर गहलोत को अध्यक्ष बनाया गया तो क्या वह राजस्थान सीएम की कुर्सी छोड़ेंगे?

अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों पर सस्पेंस

अध्यक्ष पद की रेस में अबतक थरूर और गहलोत का नाम भी सामने आ रहा है. हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी कोई ऐलान नहीं हुआ है. नामांकन की प्रक्रिया भी 24 सितंबर से शुरू होनी है और यह 30 सितंबर तक चलेगी. इसलिए इस चुनाव में क्या होगा, यह सब अभी सस्पेंस ही है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है. ऐसे में 29 सितंबर को तस्वीर साफ होगी कि चुनाव में कौन-कौन है.

अब सबकी नजरें 22 अगस्त को अशोक गहलोत के कोच्चि दौरे पर भी है. वह यहां भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. इस दौरान ही राहुल गांधी से भी उनकी मुलाकात होगी. यहां वह राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालने के लिए ‘आखिरी बार’ मनाने की कोशिश कर सकते हैं.

केरल कांग्रेस की पसंद राहुल गांधी, 10 अन्य राज्यों ने भी पास किया प्रस्ताव

दिल्ली की हलचल से अलग केरल में राहुल गांधी का नाम इस वक्त कांग्रेसी नेताओं और समर्थकों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. एर्नाकुलम में राहुल की यात्रा के दौरान ‘राहुल गांधी लोगों के प्रधानमंत्री’ वाले पोस्टर भी देखने को मिले. राहुल भले खुद को भारत जोड़ो यात्रा का बस एक हिस्सा मात्र बता रहे हों, लेकिन यह साफ है कि इस यात्रा का चेहरा वही हैं.
शशि थरूर केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं. वहीं राहुल गांधी भी केरल के वायनाड से सांसद हैं. लेकिन यहां अध्यक्ष के रूप में कांग्रेसी नेताओं की पहली पसंद राहुल गांधी ही हैं. इसके अलावा अबतक 10 राज्यों कांग्रेस इकाई राहुल गांधी को ही फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास कर चुकी हैं.
सात सितंबर से शुरू हुई इस यात्रा में कांग्रेस के कई सीनियर नेता राहुल गांधी के साथ देखे गए. कुछ ने यह बात मानी भी है कि वे राहुल गांधी से गुजारिश कर रहे हैं कि वह फिर से पार्टी अध्यक्ष बन जाएं. सीनियर नेता रमेश चेन्नीतला ने बताया कि इस गुजारिश पर राहुल सिर्फ मुस्कुरा देते हैं. चेन्नीतला ने यहां तक कहा कि राहुल आम सहमति वाले उम्मीदवार नहीं हैं. बल्कि अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ वही इकलौते उम्मीदवार हैं जो देशभर के कांग्रेसियों को स्वीकार्य हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कब है?

कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए 24 सितंबर से 30 सितंबर तक नॉमिनेशन किया जाएगा. 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिया जा सकता है. फिर 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव होगा. इसे बाद 19 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी. उसी दिन चुनाव के नतीजे घोषित होने हैं. लेकिन यह चुनाव तब ही होगा जब इसकी जरूरत होगी या परिस्थति इस हिसाब से होंगी.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि फिलहाल यह कोशिश है कि आम सहमति वाले उम्मीदवार को अध्यक्ष बना लिया जाए. लेकिन थरूर द्वारा चुनाव लड़ने की इच्छा जताने से मामले में ट्विस्ट आ गया. सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल कांग्रेस के सामने चार ऑप्शन हैं.

पहला ऑप्शन यह कि राहुल गांधी को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुन लिया जाए. दूसरा यह कि कोई नॉमिनेशन दाखिल ही ना करे, तब गेंद CWC (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) के पाले में चली जाएगी. तीसरा विकल्प यह है कि किसी उम्मीदवार पर आम सहमति बना ली जाए, इस स्थिति में चुनाव करवाने की जरूरत ही नहीं होगी. चौथा ऑप्शन यही है कि एक से अधिक उम्मीदवार होने पर चुनाव के जरिए कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना जाए.

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