उत्तराखंड में धर्मांतरण! महिला बोली- ईसाई मिशनरी ने शादी का खर्चे का उठाने का दिया था लालच

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उत्तराखंड के पुरोला में एक ईसाई मिशनरी की ओर से कथित रूप से अवैध धर्मांतरण कराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

वहीं, अब इस मामले की पुलिस जांच कर रही है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि धर्मांतरण की कथित घटना की एक महत्वपूर्ण गवाह ने पुलिस को बताया कि एक ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों ने उसकी शादी का खर्च वहन करने की पेशकश की थी और धर्म परिवर्तन का प्रलोभन देकर उसे उपहार भी दे रहे थे.

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि नेपाली मूल की महिला ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि जगदीश ठाकुर और मिशनरी से जुड़े लोग कई दिनों से उसकी शादी का खर्च उठाने और उसे उपहार देने की पेशकश कर रहे थे. महिला ने अपने बयान में कहा कि वह उन लोगों के दबाव में आ गई और 23 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार कर लिया. महिला ने कहा कि वे लोग उसका धर्म परिवर्तन करना चाहते थे.

महिला ने पुलिस के सामने दर्ज कराया बयान

डीएसपी ने कहा कि महिला का बयान पुलिस ने उसके घर पर दर्ज किया और जरूरत पड़ने पर मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया जा सकता है. अधिकारियों ने रविवार को कहा था कि शुक्रवार को उत्तरकाशी जिले के देवढंग में कार्यक्रम के आयोजकों के साथ ग्रामीणों की झड़प हो गई थी, जिसमें पादरी भी शामिल हुए थे. पुरोला थाना प्रभारी कोमल सिंह रावत ने कहा था कि आशा और जीवन केंद्र नामक एक मिशनरी संगठन से जुड़े लोगों के साथ-साथ पांच ग्रामीणों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने शनिवार को उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी काम के लिए नेपाल से उत्तरकाशी आने वाले लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा रहे हैं.

जुलूस निकाल जताया विरोध

इसके विरोध में स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों ने सोमवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. लोगों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जितेंद्र कुमार को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कथित धर्मांतरण का विरोध करने वाले पांच ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की भी मांग की. व्यापार मंडल के आह्वान पर दोपहर एक बजे तक दुकानें बंद रहीं. विरोध को देखते हुए कस्बे में पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती रही. मोरी-पुरोला मार्ग पर चक्का जाम भी किया गया, जिससे कुछ देर के लिए यातायात बाधित हुआ.

पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह भंडारी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और निर्दोष पाए जाने वालों पर से मुकदमा वापस लिया जाएगा. गौरतलब है कि हिंदू संगठनों ने शनिवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर आरोप लगाया था कि ईसाई मिशनरी नेपाल से उत्तरकाशी आने वाले लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करा रही हैं. उन्होंने कार्रवाई की मांग को लेकर राज्यपाल गुरमीत सिंह को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा था.

स्रोत इंटरनेट मीडिया

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