झूठे प्रार्थना पत्र के विरोध में पत्रकारों ने की निष्पक्ष जांच की मांग, पुलिस को सौंपा ज्ञापन


पूर्व भाजपा नेता द्वारा एक पत्रकार के खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र दिए जाने को लेकर पत्रकारों में आक्रोश फैल गया है। इस मामले को लेकर आज पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की।
पत्रकारों का कहना है कि जिस तरह से एक पूर्व भाजपा नेता ने अपने पुत्र को बचाने के लिए महेंद्र कश्यप ने पत्रकार के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं, वह निंदनीय है। यह घटना तब सामने आई जब पत्रकारों ने अखबार में यह खबर पढ़ी, जिसके बाद उन्होंने एकजुट होकर कार्रवाई की मांग उठाई।
पत्रकारों ने साफ तौर पर कहा कि अगर हमारे किसी साथी पत्रकार ने कोई अपराध किया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर आरोप झूठा साबित होता है, तो झूठा प्रार्थना पत्र देने वाले के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए — चाहे वह किसी राजनीतिक दल से संबंध रखता हो।
पत्रकारों का आरोप है कि संबंधित भाजपा नेता के खिलाफ पूर्व में भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन राजनीतिक प्रभाव के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई या जांच सत्ता के दबाव में की गई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
पुलिस का आश्वासन:
पुलिस अधिकारियों ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। यदि आरोप झूठे पाए गए तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मौके पर उपस्थित प्रमुख पत्रकार:
उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के संरक्षक बिपिन चंद्र, गणेश पाठक, जिला अध्यक्ष संजय प्रसाद, अंजलि पंत, दीपेश श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, रेहान अंसारी, नाजिम, अंकित सक्सेना, मुकेश सक्सेना, पंकज सक्सेना, दीपक अधिकारी समेत कई पत्रकार उपस्थित रहे।

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