उत्तराखंड में लाखों परिवारों के बनाए जाएंगे नए पहचान पत्र, मिलेगा सरकारी योजनाओ का लाभ

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Uttarakhand : प्रदेश सरकार ‘परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड’ को अपनी फ्लैगशिप यानी शीर्ष प्राथमिकता वाली योजना में सम्मिलित करने जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग की आयुष्मान कार्ड व गोल्डन हेल्थ कार्ड योजना के साथ ही खाद्य, पंचायतीराज, राजस्व, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से इस योजना को सीधे जोड़ा जाएगा।

ये विभाग डाटा उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी नामित करेंगे। साथ में उत्तराखंड में परिवार पहचान पत्र तैयार करने का जिम्मा एनआइसी को सौंपने की तैयारी है। अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने इस संबंध में एनआइसी राज्य निदेशक को पत्र लिखा है।

हरियाणा की भांति उत्तराखंड में भी परिवार पहचान पत्र

प्रदेश सरकार हरियाणा की भांति उत्तराखंड में भी परिवार पहचान पत्र बनाने जा रही है। इनके माध्यम से पहचान पत्र धारक परिवार सरकार की सेवाओं का निर्बाध लाभ उठा सकेंगे।

यह विशिष्ट पहचान मिलने के बाद परिवार के किसी एक सदस्य को जाति, निवास, आय प्रमाणपत्र मिलने पर परिवार के अन्य सदस्यों को ये सेवाएं आसानी से मिल सकेंगी। परिवार में किसी बच्चे के जन्म लेने पर उसे जन्म प्रमाणपत्र के साथ जाति प्रमाणपत्र देने की राज्य सरकार की योजना को क्रियान्वित किया जाएगा।

इस योजना के लिए नोडल नामित किए गए नियोजन विभिन्न विभागों को परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड के संबंध में गाइडलाइन भेजकर सुझाव देने को कहा है।

इन सुझावों पर 14 नवंबर को मुख्य सचिव डा एसएस संधु की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। बैठक में नियोजन विभाग योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण देगा। सीएम कान्क्लेव के एजेंडा बिंदु में भी इसे सम्मिलित किया गया है।

इसके लिए पोर्टल भी बनाया जाएगा

परिवार कल्याण योजना के लक्ष्यों को पाने के लिए विभिन्न विभागों के डाटाबेस से जोडऩे की व्यवस्था परिवार पहचान पत्र योजना के अंतर्गत होगी। यह पहचान पत्र मिलने के बाद विभिन्न सरकारी योजनाओं में आवेदन करते समय वांछित अभिलेखों को स्कैन कर अपलोड करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। विभागीय पोर्टल से इसे स्वत: प्राप्त किया जा सकेगा। इसके लिए पोर्टल भी बनाया जाएगा।

प्रदेश का प्रत्येक निवासी अथवा परिवार इस पहचान पत्र को बनाने का पात्र होगा। यह पहचान पत्र भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए परिवार की आइडी का काम भी करेगा। नियोजन विभाग ने हरियाणा की भांति उत्तराखंड में परिवार पहचान पत्र तैयार करने के लिए एनआइसी की सहमति मांगी है।

अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने इस संबंध में एनआइसी के राज्य निदेशक को पत्र लिखा है। एनआइसी ने सहमति दी तो यह काम उसे सौंपा जा सकेगा।

स्त्रोत इंटरनेट मीडिया

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