विधायक डॉ मोहन बिष्ट की पहल से बिंदुखत्ता राजस्व गांव बनने की उम्मीद को लगे पंख। दशकों से राजस्व ग्राम की मांग करते रहे हैं ग्रामीण।

ख़बर शेयर करें


लालकुआं के विधायक डॉ मोहन बिष्ट बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिलाने के लिए संकल्प बद्ध नजर आ रहे हैं बाकायदा उन्होंने इसके लिए स्टेप बाय स्टेप कार्य योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है इसी सिलसिले में डॉ मोहन बिष्ट वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत बिंदुखत्ता वासियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शिविर का भी बीते दिनों आयोजन किया गया। विधायक डॉ मोहन बिष्ट के मुताबिक जनजाति कल्याण विभाग द्वारा आयोजित वन अधिकार अधिनियम 2006 के पर जन जागरूकता शिविर लगाया गया। जिसमें वन विभाग, राजस्व विभाग व समाज कल्याण विभाग ने संयुक्त रूप से भाग लिया।
उक्त शिविर में बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की अग्रिम कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की गई। जिसमें हल्दुचौड़ दौलिया ग्राम पंचायत बिंदुखत्ते को अंगीकृत कर बिंदुखत्ते में ग्राम पंचायत का गठन किया जाएगा ।
जिसके बाद राजस्व गांव की संवैधानिक प्रक्रिया के आधार पर कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।


जन जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार की मंशा विकास की गति को तेज करना है बिंदुखत्ता में राजस्व गांव ना होने से यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से व राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहते हैं।
जन जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार की मंशा विकास की गति को तेज करना है बिंदुखत्ता में राजस्व गांव ना होने से यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से व राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रहते हैं।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी के लिए वन अधिकार 2006 के तहत राजस्व गांव बनाने की प्रक्रिया की जा रही है । जिसमें हल्दुचौड़ दौलिया ग्राम पंचायत से बिंदुखत्ता को जोड़ा जाएगा, जिसके बाद ग्राम सभा का गठन साथ ही भूमि के का नाप जोक इत्यादि काम प्रारंभ किए जाएंगे। डॉ बिष्ट ने कहा यह काम लंबा है और कुछ जटिल भी है परन्तु आशा की किरण जरुर है।
उत्तराखंड का पहला गांव है जिसमें वन अधिकार अधिनियम के संवैधानिक प्रक्रिया के आधार पर राजस्व गांव की कार्यवाही की जा रही है। कार्यवाही केवल बिंदु खाता ही नहीं बिंदुखत्ता के अलावा जो वन भूमि पर काबिज हैं उनको मालिकाना हक दिलाने में यह कानून कार्य कर सिद्ध होगा।
इस जागरूकता शिविर से लोगों को कानून के बारे में विस्तृत जानकारी मिली है। डॉ बिष्ट ने कहा कि अब अगली बैठक 13 अप्रैल को गौलापार में आयोजित की जा रही है।
जागरूकता शिविर बैठक में डीएफओ संदीप कुमार, एडीएम शिवचरण द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घड़ियाल, परगना अधिकारी मनीष कुमार, तहसीलदार सचिन कुमार, एसडीओ अनिल कुमार जोशी , वन अधिकार अधिनियम 2006 के विशेष जानकार तरुण जोशी व देहरादून से जनजाति आयोग के डी पी राठौर सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

Ad